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हंसा तो मोती चुगै : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर महावीर के अध्यात्म-सूत्रों पर प्रवचन ।
पृष्ठ ८८,मूल्य १०/ध्यान : क्यों और कैसे : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर हमारे सामाजिक जीवन में ध्यान की क्या जरूरत है, इस सम्बन्ध में स्वच्छ राह दिखाती पुस्तक।
पृष्ठ ८६, मूल्य १०/धरती को बनाएँ स्वर्ग : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर धर्म की आवश्यकता और नारी-जगत पर लगी बेतुकी पाबंदियों पर समाचार-पत्रों को दिये गये विस्तृत साक्षात्कारों का प्रकाशन ।
पृष्ठ ५२, मूल्य ३/ध्यान की जीवंत प्रक्रिया : सुश्री विजयलक्ष्मी जैन ध्यान की सरल प्रक्रिया जानने के लिए बेहतरीन पुस्तक । ध्यान-शिविर का ब्योरा।
पृष्ठ १२० ,मूल्य १०/अप्प दीवो भव : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर जीवन, जगत और अध्यात्म के विभिन्न आयामों को उजागर करता चिन्तन-कोष ।
पृष्ठ ११२,मूल्य १५/चलें, मन के पार : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर सक्रिय व तनाव-रहित जीवन प्रशस्त करने वाला एक मनोवैज्ञानिक युगीन ग्रन्थ।
पृष्ठ ३०० ,मूल्य ३०/व्यक्तित्व-विकास : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर हमारा व्यक्तित्व ही हमारी पहचान है, तथ्य को उजागर करने वाला बाल-मनोवैज्ञानिक प्रकाशन ।
पृष्ठ ११२,मूल्य १०/संभावनाओं से साक्षात्कार : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर जीवन के विविध पहलुओं का स्पर्श करते हुए श्री चन्द्रप्रभ जी के महत्त्वपूर्ण आलेख।
पृष्ठ ९२, मूल्य १०/चेतना का विकास : श्री चन्द्रप्रभ साधकों के लिए महत्त्वपूर्ण पुस्तक; अन्तरतम की हर बारीकी का मनोवैज्ञानिक दिग्दर्शन।
पृष्ठ ११२, मूल्य १२/अन्तर के पट खोल : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर पतंजलि के महत्त्वपूर्ण योग-सूत्रों पर पुनर्प्रकाश; योग की अनूठी पुस्तक ।
पृष्ठ ११२,मूल्य १०/आंगन में आकाश : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर तीस प्रवचनों का अनूठा आध्यात्मिक संकलन, जो आम आदमी को प्रबुद्ध करता है और जोड़ता है उसे अस्तित्व की सत्यता से ।।
पृष्ठ २०० ,मूल्य ३०/मन में, मन के पार : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर मन की गुत्थियों को समझाने और सुलझाने वाला एक महत्त्वपूर्ण प्रकाशन, दिशा-दर्शन।
पृष्ठ ४८, मूल्य २/ प्रेम के वश में है भगवान : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर मीरा के परमात्म-प्रेम पर एक प्यारी-सी पुस्तक जिसे पढ़े विना मनुष्य का प्रेम अधूरा है ।
पृष्ठ ४८,मूल्य ३/साक्षी की आँख : श्री चन्द्रप्रभ जीवन-ज्योति से साक्षात्कार करवाती पुस्तक । जीवन के रहस्यों एवं सत्यों से परिचित
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