________________
करवाते आध्यात्मिक प्रवचनों का संकलन ।
पृष्ठ ९६, मूल्य १२/बिना नयन की बात : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर अध्यात्म-पुरुष श्रीमद् राजचन्द्र के प्रमुख पदों पर मानक प्रवचन ।पृष्ठ १०० ,मूल्य १०/भगवत्ता फैली सब ओर : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर कुन्दकुन्द की गाथाओं पर मार्मिक उद्भावना । कम शब्दों में अधिक सामग्री।
पृष्ठ १०० ,मूल्य १०/सहज मिले अविनाशी : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर पतंजलि के प्रमुख योग-सूत्रों की लोकसुलभ विवेचना। पृष्ठ ९२,मूल्य १०/पर्युषण-प्रवचन : श्री चन्द्रप्रभ । पर्युषण-महापर्व के प्रवचनों को घर-घर पहुँचाने के लिए एक प्यारा प्रकाशन ; भाषा सरल,प्रस्तुति मनोवैज्ञानिक । पढ़ें कल्पसूत्र को अपनी भाषा में। पृष्ठ १२० ,मूल्य १७/सोल टू सुप्रीम सोल : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर मानव-चेतना के विकास के हर संभव पहलू पर प्रकाश । विश्व के दूर-दराज तक फैली पुस्तक।
पृष्ठ १२० ,मूल्य २०/मेडिटेशन एण्ड एनलाइटमेन्ट : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर ध्यान और समाधि के विभिन्न पहलुओं पर मनन और विश्लेषण; विदेशों में भी चर्चित ।
पृष्ठ १०८,मूल्य १५/जिन सूत्र : श्री चन्द्रप्रभ भगवान महावीर की अमृत वाणी के नित्य पठन एवं प्रेरणा के लिए तैयार किया गया विशिष्ट संकलन; समणसुत्तं का संक्षिप्त,संशोधित रूप। पृष्ठ १८० ,मूल्य १०/सुयगड सुत्तं : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर एक आदर्श धर्म ग्रन्थ का मूल एवं हिन्दी अनुवाद के साथ अभिनव प्रकाशन ।
पृष्ठ २६० ,मूल्य ३०/पंच संदेश: महोपाध्याय ललितप्रभ सागर अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह पर कालजयी सूक्तियों का अनूठा सम्पादन।
पृष्ठ ३२, मूल्य २/विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थ : श्रद्धा एवं कला: ललितप्रभ सागर सोलह विश्व विख्यात जैन तीर्थों का कला-शिल्प,श्रद्धा-भक्ति की परमोज्ज्वल पृष्ठभूमि पर संप्रदायातीत प्रस्तुति, वस्तुनिष्ठ सचित्र विवरण । नयनाभिराम रंगीन फोटोग्राफ तथा कलात्मक सज्जा।
पृष्ठ १६० ,मूल्य २००/शिखरजी तीर्थ दर्शन : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर जैन तीर्थ सम्मेत शिखरजी के इतिहास एवं विकास का विस्तृत ब्यौरा ।
पृष्ठ : ४८, मूल्य ५/संसार में समाधि : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर संसार में समाधि के फूल कैसे खिल सकते हैं, आध्यात्मिक संतों के जीवन से जुड़े सच्चे घटनाक्रमों के द्वारा उसी का सहज विन्यास ।
पृष्ठ १२० , मूल्य १०/सिलसिला : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर सबके अन्तर्मन को समान रूप से छूने वाली कहानियों का संकलन।
पृष्ठ १२० ,मूल्य १०/- )
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org