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________________ ध्यानयोग-विधि-१ ASPBEANIRRIAGRAMMADHEADMASARDH AADynamARAN | संबोधि-ध्यान-शिविर, प्रभात-सत्र, समय : लगभग सवा घंटा] यान-शिविर सामूहिक प्रयोग होते हुए भी हर व्यक्ति के लिए निजी प्रयोगशाला है । एकाधिक लोगों द्वारा सम्मिलित प्रयास इसलिए किया जा रहा है, ताकि एक-दूसरे का आभामंडल उन्हें भी प्रभावित और तरंगित करे, जो अन्तर्यात्रा के लिए पूरी तरह उत्सुक नहीं हैं। एक-दूसरे को आगे बढ़ते हुए देखकर हमें भी आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिलता है । शारीरिक शुद्धि और सहज स्फूर्ति के लिए स्नान अवश्य कर लें । उज्ज्वलता के प्रतीक स्वरूप श्वेत वस्त्र पहनें तो ज्यादा उपयोगी है । हल्का पीला अथवा गुलाबी रंग भी हमारी भाव-स्थिति को सुकून देता है । श्वेत रंग पवित्रता और आध्यात्मिकता का प्रतीक है, पीला रंग बोधि और निवाण का द्योतक है। उल्लास, उत्सव और अहोभाव का प्रतीक गुलाबी रंग है। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003858
Book TitleEk Sadhe Sab Sadhe
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year1997
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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