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दिवसी तथा राइप्रतिक्रमण विधि. ३७३ पुरुषं सुअदेवयानी पहेली थोय कहेवी, अने स्त्री कमलदलनी पहेली थोय कहेवी. पठी खित्तदेवयाए करेमि काउस्सग्गंग कही एक नवकारनो काउस्सग्ग पारी नमोऽर्हत् कही देत्र देवयानी बीजी थोय स्त्रीयें तथा पुरुषे बन्नेयें कहेवी.पठी प्रगट एक नवकार गणी बेसीने,हा आवश्यकनी मुहपत्ती पमिलेहि,बे वांदणां आपीयें,पठी सामायिक चनविसबो,वंदनक, पमिकमj,काउस्सग्ग अने पञ्चरकाण ए उ आवश्यक संजारवां. पठी श्वा मि अणुसहिं कही नमो खमासमणाणं कही,नमोऽहत् कहीने पुरुष, नमो स्तु वर्षमानाय कहे,अने स्त्री संसार दावानी त्रण गाथा कहे. पठी नमुटु णं कही स्तवन कहे.पळी वरकनक कही नगवान् आदें वांदवा-पली जम णो हाथ उपधी उपर थापी अवाश्सु कहेवू पनी देयसिथ पायबित्तनो काउस्सग्ग चार लोगस्सनो अथवा शोल नवकारनो करवो. पड़ी ते काउ स्सग्ग पारी,प्रगट लोग्गस्स कही,बेसीने खमासमण बे देश सद्यायनो आ देश मागी एक नवकार गणी,सद्याय कहीयें,पली वली एक नवकार गणी ये,पठी पुस्करकळ कम्मकउनो काउसग्ग चार लोगस्सनो संपूर्ण अथ वा शोल नवकारनो करवो.एक वडेरे अथवा पोतें पारीने नमोऽहत् कही लघुशांति कहेवी,पली प्रगट लोगस्स कहेवो,पली इरियावही तस्स उत्तरी कही एक लोगस्स अथवा चार नवकारनो काउस्सग्ग करी प्रगट लोग स्स कहेवो. पठी चउकसाय कही, नमुबुणं, जावंति बे कही,उवसग्गहरं, जय वीयराय कही,मुहपत्ती पमिलेहवी.श्वामि॥श्वाका॥ सामायिक पारं. य थाशक्ति श्वामिणाश्बाका॥सामायिक पालुं तहत्ति कही, पड़ी जमणोहा थ उपधी उपर थापी एक नवकार गणीने सामाश्अवयजुत्तो कहेवो. पड़ी थापना होय तो एक नवकार गणी उठे ॥ ए देवसि प्रतिक्रमणनो विधि कह्यो,बाकी अंतरविधि वडेराथी समजवो॥इति देवसि प्रतिक्रमण विधि ॥
॥अथ राइ प्रतिक्रमण विधि ॥ ॥प्रथम पूर्वली रीतें सामायिक लीजें,पबी कुसुमिण ऽसुमिणनो काउ स्सग्ग चार लोगस्सनो अथवा शोल नवकारनो करी,पारी,प्रगट लोगस्स कहेवो,पली खमासमण देश जगचिंतामणिर्नु चैत्यवंदन जयवीयराय सुधी करवु. पनी चार खमासमण पूर्वक लगवान् ,आचार्य,उपाध्याय, सर्व साधु प्रत्ये वांदवा,खमासमण बे देश,सशायनो आदेश मागी एक नवकार ग
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