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प्रतिक्रमण सूत्र. हवी,अने श्राहार वावस्यो होय तो वांदणां बे देवां,त्यां वीजा वांदणामां श्रावसीयाए ए पाठ न कहेवो.यथाशक्ति पञ्चकाण करवू. खमासमण देश श्वाकारेण कही, वडेरा अथवा पोतें चैत्यवंदन कहीने पढ़ी जंकिंचिनमु बुणं कही,उन्ना थईने अरिहंतचेश्याणं कहीने एक नवकारनोकाउस्सग्ग करी नमोऽर्हत्ण्कहिने प्रथम थोय कहेवी.पली लोगस्स,सव्वलोए,अरिहंत चेश्याणं कहीने एक नवकारनो काउस्सग्ग पारीने बीजी थोय कहेवी. पली पुरकरवरदी कही,सुअस्स नगवर्ड करेमि काउस्सग्गं वंदण एक नव कारनो काउस्सग्ग पारी त्रीजी थोय कहेवी. पठी सिकाणं बुजाणं कही वेयावच्च गराणं करेमि कानस्सग्गं अन्नबण्कही एक नवकारनो कामस्सग्ग पारी,नमोऽहत्ण्कही,चोथी थोश् कहेवी.पली बेसी हाथ जोमी नमुलुणं क हे. पली चार खमासमण देवा पूर्वक लगवान् , आचार्य, उपाध्याय सर्व साधु प्रत्ये थोन वंदन करियें पड़ी श्वाकारेण ॥ देवसि प्रतिक्रमणे ग जं, एम कही, जमणो हाथ चवला कटासणा उपर थापीने श्वं सबसवि देवसिअण्कहे, पनी उन्ना थर करेमि नंते श्वामि गमि काउस्सग्गं जो में देवसि तस्सउत्तरी कही,पडी आउ गाथानो काउस्सग्ग करवो. आ उ गाथा न आवडे तो आठ नवकारनो काउस्सग्ग करवो,ते पारीने,पढी लोगस्स कहेवो पली बेसीने त्रीजा आवश्यकनी मुहपत्ती पमी लेहीने वांदणां बे देवां,पली उना थश्ने श्वाका देवसिथ आलोजं श्वं आलो एमि जो मे देव सिउँ कहींने,पठी सात लाख कहेवा-पठी अढार पाप स्था नक आलोश्ने सवस्सवि देवसिय कहीने बेसबुं बेसीने एक नवकार गणी पड़ी करेमि नंते श्वामि पमिकमिलं कहीने,वंदित्तु कहेवू,पली वांदणां बे देवां. पली अनुचिहं अप्रिंतर देव सित्र खामीने वांदणां बे देवां. पठी उ जा थ आयरिय उवज्ञाए कहीने, करेमि नंते श्वामि गमि काउस्सग्गं जो मे देवसिण्तस्सउत्तरी कही,पली बे लोगस्सनो अथवा आठ नवका रनो कामस्सग्ग करी लोगस्स प्रगट कहेवो,पठी सवलोए,अरिहंत चेश्या णं,वंदणवत्तिश्राए कही,एक लोगस्स अथवा चार नवकारनो कास्सग्ग पारीने,पुरकरवरदीसुअस्स नगवर्ड करेमिण्वंदण एक लोगस्स अथवा चार नवकारनो काउस्सग्ग पारीने, सिकाणं बुझाएंकही सुअदेवयाए करेमि काउस्सगं एक नवकारनो काउस्सग्ग पारी नमोऽर्हत् कही,
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