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________________ प्रतिक्रमण सूत्र. त्रिफला प्रमुख, ए पूर्वोक्त वस्तुयें करी (जयवं के०) हे जगवन् गुरुजी ( अणुग्गहोकायवो के०) अनुग्रह करवो, एटले जे जोश्ये ते वहोरजो. ॥ अथ पञ्चरकाण पारवानो विधि ॥ ॥प्रथम इरियावहियाए पमिकमीयें यावत् जगचिंतामणिर्नु चैत्यवंदन जयवीयराय सुधी करवू. पठी मन्ह जिणाणंनी सद्याय कही, मुहपत्ती पडि सेहवी.श्वामिण्श्छाकापच्चरकाण पारु,यथाशक्ति श्वामिण्श्छाका पच्चरका ण पाखु, तहत्ति एम कही जमणो हाथ कटासणां चरवला उपर थापी एक नवकार गणी पञ्चरकाण कयुं होय ते कही पारवं, ते लखीयें बैयें. ॥ जग्गए सूरे नमुक्कारसहिथं पोरिसिं सापोरिसिं गंठसहिथं मुह सहियं पञ्चरकाण कयुं चनविहार आंबिल,नीवी,एकासणुं बेआसणुं कह्यु तिविहार पच्चरकाण फासि.पालिअं,सोहिअं, ती रिश्र, किटिअंबाराहि अंजं च न आराहियं तस्स मिठामि उक एम कही एक नवकार गणवो. ॥अथ सामायिक लेवानो विधि ॥ ॥ प्रथम जंचे आसने पुस्तक प्रमुख मूकीने श्रावक,श्राविका कटासणुं, मुहपत्ती चरवलो लेशशुफ वस्त्र जग्या पुंजी,कटासणा उपर बेसी,मुहपत्ती माबा हाथमां मुखपासें राखी,जमणो हाथ थापनाजी सन्मुख राखी, एक नवकार गणी पंचिंदिय कही,श्वामि खमासमण देश इरियाव हिया, तस्स उत्तरी, अन्नब उससिएणं कही, एक लोगस्सनो अथवा चार नवकारनो कालस्सग्ग करी,पारी, प्रगट लोगस्स कही,खमासमण देश, श्ठाकारेण सं दिसह नगवन् ,सामायिक मुहपत्ती पमिलेढुं ? श्वं एम कहि मुहपत्ती तथा अंगनी पमिलेहणना पचास बोल कही, मुहपत्ती पमिलेहियें. पली खमास मण देण्श्छाकारेण संदिसह नगवन्!सामायिक संदिसाइं? श्वं. वली ख मासमण देश.श्वासामायिक गजं? श्वं. एम कही बे हाथ जोमी एक नवकार गणी,श्वाकारी नगवन्, पसाय करी सामायिक दंगकउच्चरावोजी. तेवारें वमिल करेमी नंते कहे. पड़ी खमासमण देश् श्वा बेसणे संदिसा हुँ ?॥ श्वं खमा॥श्वा॥ बेसणे गउं? खमा॥ श्वं श्वा० ॥ सद्याय सं दिसाडं ॥श्वं खमा० ॥ श्वा० ॥ सजाय करूं ॥ श्वं ॥ एम कही त्रण नवकार गणवा, पठी बे धमी सजाय धर्म ध्यान करवू ॥ इति ॥ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003850
Book TitlePratikraman Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1906
Total Pages620
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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