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________________ प्रतिक्रमण सूत्र. महोटुंबे,अथवा नव्य जीवोना मनोवांडित अर्थ देवाने उदार , तथा वली केहे बे? तो के (अवध के०) अवद्य जे पाप तेने (नेदि के०)नेद नारंबे,ते माटें अवद्यन्नेदि ने वली केहे, जे ? तो के (जीत के०)संसार नयें त्रास पामता जे जीवो, तेने ( अनय के०) मोद तेने (प्रदं के०) प्रक र्षे करीने देनाकै एवं ,वली केहबुं ? तो के (अनिंदितं के०) निंदा रहि त डे अर्थात् जेने विषे अणुमात्र पण दोषनो संचव नथी, वली केहबुं बे? तो के (संसारसागर के०) संसाररूप जे समुख तेने विषे (निमजात् के०) बूमता एवा जे (अशेषजंतु के०) समग्र प्राणीयो तेने (पोतायमानं के०) वहाण सरखु ए, जिनेश्वरनुं चरणकमल . आ स्तोत्रना श्लोक सर्व वसंततिलकावृत्तं जाणवा. आबे श्लोकनो एकठो अर्थ वखाण्यो ॥२॥ हवे नगवाननी सर्व प्रकारें विशेषे करीने स्तुति करवाने तो हुं समर्थ नथी, परंतु सामान्य करीने पण प्रजुनी स्तुति करवाने हुं असमर्थ बु, एम देखाडे बे. सामान्यतोऽपि तव वर्णयितुं स्वरूप,मस्मादृशाः क थमधीश! नवंत्यधीशाः॥धृष्टोपि कौशिकशिशुर्यदि वा दिवांधो, रूपं प्ररूपयति किं किल धर्मरश्मेः ॥ ३ ॥ अर्थः-(अधीश के०) हे स्वामिन् ! (अस्मादृशाः के०) महारा सरखा मंदमति पुरुषो जे जे, ते (सामान्यतोपि के०) सामान्यपणे एटले विशे षविरहितत्वें करीने पण (तव के० ) तमाळं ( खरूपं के) वरूप जे डे तेने ( वर्णयितुं के ) वर्णन करवाने ( कथं के ) केम (अधीशाः के) समर्थ ( नवंति के०) थाय बे? अर्थात् थाता नथी. त्यां दृष्टांत कहे बे, ते जेम केः-( यदिवा के०) जो पण ( कौशिकशिशुः के० ) धूमनो बाल क, ते (धर्मरश्मेः के) सूयबिंबना ( रूपं के ) वरूपने ( किं के०) झुं (प्ररूपयति के०) कहि शके ? (किल के) निश्चें. अर्थात नथी कही श कतो. हवे ते कौशिकशिशु केहवो ? तो के ( धृष्टोपि के) दृढ हृदय पणायें करीने प्रगल दे तो पण (दिवांधःके०) दिवसने विषे अंध ॥३॥ हवे हुँ तो मंदमति बुं, तेथी महारामां स्तुति करवानुं सामर्थ्य न होय ते योग्यज डे, परंतु केवलझानी पुरुषो, केवलझाने करीने सर्व जाणता बता पण जिनगुणोने कद्देवाने समर्थ थाता नथी, ते कहे . Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003850
Book TitlePratikraman Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1906
Total Pages620
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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