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ओ पुष्करावर्त मेघ, तुम कैसे बेमालूम कोमल हो कर मेरी गुह्यताओं में घुस आये। और औचक ही, तुमने मेरे भीतर यह कैसा प्रलय जगा दिया है। मेरी रति की आरति, मेरे काम का अतिक्रमण कर गई है। अनंग से भी परे की है, मेरी यह उलंग आकाशी नग्नता। ओ पुष्करावर्त मेघ, क्या तुम्ही हो मेरे वह कामरूप पुरुष, वह वृष्णीन्द्र, जिसके अग्निषोम को अपने योनिपद्म में झेलने के लिये मैं आदिकाल से विकल हो रही हूँ। मेरे मनचाहे, मनभाये, तुम आ कर भी नहीं आये, नहीं आ रहे। मुझे तुम्हारा यह बादली इन्द्रजाल नहीं चाहिये। मुझे तुम्हारा सघन, मांसल, ऊष्म शरीर चाहिये। मुझे तुम्हारी रक्त-धमनियों, इन्द्रियों, अंगों का प्रगाढ़ आश्लेष चाहिये। मैंने केवल तुम्हारे लिये शरीर धारण किया है, ओ मेरे कामरूप पुरुष, मेरे एकमेव काम्य। मैं हूँ तुम्हारी अनंगिनी रति, तुम्हारी अन्तिम आरति : सृष्टि की गर्भपीड़ा : आम्रपाली !
'मेरे योनि-पल्लव में यह कैसी विद्युल्लेखा खेल गई ! कैसा सर्ववेधी रोमांचन है यह। दो अग्निम् त्रिकोण : एक दूसरे को आरपार भेदते हुए। कामबीज ह्रींकार का यह कैसा उल्लसित नाद है। उसमें से उभर रहा है ऋषि-मण्डल चक्र : तपाग्नियों का मण्डल। उसमें से उद्गीर्ण हो रहा है सिद्धचक्र : निरंजन निराकार मुक्तात्माओं का मण्डल। उसमें से उत्पलायमान है श्री चक्र : सर्वकामपूरन सृष्टि का मण्डल। मेरे अणु-अणु में दहकते बीजाक्षर। मेरी अनन्त वासना के विस्फोटित वह्नि-मण्डल । मेरे श्रोणि-फलक में से ये कैसे रहस्य-लोक खुल रहे हैं ! अज्ञात अग्नियों के वन ।
क्या मैं जल कर भस्म हो जाऊँगी, तब आओगे तुम, मेरी भस्म को अपनी चरण-रज बनाने के लिये? तो लो, मैं लेट गई तुम्हारे ऋषि-मण्डल की अग्नि-शैया पर । पर हाय, तुम मुझे जलाते भी नहीं, जीने भी नहीं देते !
___. मैं अपनी नागमणि की मन्दार शैया पर, फिर अकेली छूट गई हूँ, अपने इस निज-कक्ष की कारा में। द्वार, वातायन, सब बन्द, अर्गलाओं से जड़े हुए। किसने भीतर से बन्द और अर्गलित कर दिया है, मेरा यह कक्ष ? इस अन्तिम एकलता के तट पर मेरी साँस टूट रही है। मैं एक महाशून्य में छटपटाती नंगी ज्वाला भर रह गयी हूँ। केवल भस्म हो जाने के लिये ? तो लो, मैं समर्पित हूँ। जो चाहो करो मेरे साथ । मुझे निःशेष कर दो। लो, मैं डूब गई तुम्हारे अतल के गहरावों में ।
'एक निगूढ मर्माघात से हठात् देवी आम्रपाली की आँखें खुल गईं।.... सारे मुद्रित कक्ष में बहुत महीन छूती-सी नीली रोशनी व्याप गई। एक
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