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.... मेरे शिव, मैं तुम्हारी ह्लादिनी शक्ति, तुम्हारी लीला - सहचरी शिवानी । हमारे आत्म-रम्भण से क्षरित हो रहे अमृत से, नित- नूतन सृष्टियाँ झड़ रही हैं । हमारे इस पर्यंक के परिवेश में, अपने मौलिक उद्भव में वे सृष्टियाँ कितनी सुन्दर, सम्वादी, पवित्र, समंजस और निर्मल हैं। सदा कुँवारी की तरह ताज़ा हैं | अविक्षत हैं ।
लेकिन पृथ्वी पर उतर कर वे कितनी कुरूप, विषम, बेसुरी और क्रूर हो गई हैं । वे मेरी कोख से जन्मी हैं, और उनकी यातना के नरकों को मैं तुम्हारे आलिंगन के इस अक्षय्य सुख में भी भूल नहीं सकी हूँ । तुम्हारे अथाह मार्दव में गुम्फित मेरी छाती में, मेरी चिर निपीड़िता मर्त्य पृथ्वी निरन्तर कसक रही है । जितना ही अधिक चिद्धन और प्रगाढ़ है तुम्हारे उत्संग का यह सुख, उतनी ही अधिक आर्त्त है मर्त्य पृथ्वी के लिये मेरी चीत्कार । मेरी परम रति की सीत्कार ही, यहाँ मेरी चीत्कार हो उठी है ।
नहीं, मैं तुम्हारी द्यावा के इस महासुख - कमल में, अपनी मृत्तिका को भूल कर रमणलीन नहीं रह सकती । आकाश की जाया हो कर भी, मैं शाश्वत पृथ्वी हो रहने को अभिशप्त हूँ । तुम्हारी सृष्टि की महाकाम लीला की धुरी पर खड़ी, मैं हूँ तुम्हारी महाकामिनी । कामार्त्त मानव मात्र की कामायनी । वेश्या, विशुद्ध पृथ्वी, पिण्ड मात्र की गर्भधारिणी एकमेव माँ । मुझे चारों ओर से घेरे है, मर्त्य, पीड़ित, विनाश-संघर्ष और मृत्यु से ग्रस्त चिरकाल का अनाथ जगत्। वह मेरा यह अमृत भींजा आँचल खींच रहा है । मेरे रूप के सदा प्यासे, आदि वासनार्त्त मानव जन ।
नहीं, मैं नहीं रुक सकती तुम्हारे इस महासुख - कमल की अनाहत मिलनशैया में । चिरकाल की वियोगिनी पृथ्वी मैं, मेरी विरह वेदना का पार नहीं है । तुम्हारी अन्तरिक्षी रति की निरवच्छिन्न अवगाढ़ता में भी, मेरी रक्त-मांस की पृथ्वी - काया प्यासी तड़प रही है ।
मैं तुम्हारे लिये ऊपर चढ़ती हुई यहाँ तक चली आई, या तुम बलात् मेरा यहाँ हरण कर लाये ? सो तो तुम जानो । लेकिन यदि मैं विनाश और मौत की ख़दकों में भी तुम्हारे साथ अज्ञात शृंगों पर चढ़ने का ख़तरा उठाती गई, तो क्या तुम मेरी इस काया की पुकार पर, मेरी भंगुर माटी के आन्द पर, नीचे नहीं उतर आ सकते मेरे साथ ?
'''कोई उत्तर नहीं लौटा। तुम्हारी आत्मरति की समाधि अविचल रही । मैंने झंझोड़ कर तुम्हारे अशरीरी, अन्तरिक्षी परिरम्भण को तोड़ दिया। मैं तुम्हारे बाहुपाश से छूट कर, जाने कितने शून्यों को चीरती हुई, फिर से अपने
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