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स्तब्ध हो जाता है । परमानन्द के चरम पर जिस मिलन-सुख की धारा स्खलित हो जाये, उसे आनन्द कैसे कहें, प्रेम कैसे कहें, सौन्दर्य कैसे कहें ? जो अविरल है, जो निरन्तर है, जो अव्याबाध है, वही एक मात्र सच्चा काम है, मिलन है, आनन्द है, अनाहत सौन्दर्य और प्रेम है । जो मैथुन विरल है, भंगुर है, जिसमें पर है और अन्तर है, जिसमें सदा परायेपन की शंका है, भय है । जिसमें सदा खो जाने का, बिछुड़ जाने का दंश है, जिसमें सदा पर-भाव का आतंक है, संदेह है, उद्वेग है, व्याकुलता है, वह काम नहीं, कर्दम है, वह प्रेम नहीं, पीड़न है, पराजय है, पाप है । वह अपने आप से बिछुड़ जाना है ।
'वैशालको, आप हुए बिना पाप से निस्तार नहीं। तुम्हारा काम, तुम्हारा प्रेम, तुम्हारा राज्य, तुम्हारा सुख, तुम्हारा विलास, सभी कुछ तो परतन्त्र है । परतन्त्र न होता, तो भयभीत क्यों होता? तुम्हारा प्रणयकाम स्वतंत्र होता, तो वह कायर हो कर 'महावन' के अन्धकारों में चोरी-चोरी क्यों क्रीड़ा करता? तुम्हारा राज्य स्वतंत्र और निर्भय होता, तो तुम्हारे नगर-प्राचीर सैन्यों और शस्त्रों से पटे क्यों होते? तुम्हारा सुख और विलास स्वतंत्र होता, तुम्हारा ऐश्वर्य और वैभव स्वाधीन होता, तो वह लक्ष-लक्ष जन के शोषण और पीड़न पर निर्भर क्यों होता? तुम्हारा सब कुछ पराधीन है, तुम कैसे स्वतंत्र, तुम कैसे प्रजातंत्र ? जिस वैशाली का सहज काम भी गुलाम है, उसकी स्वतंत्रता शून्य का अट्टहास्य मात्र है ! ...'
श्रीभगवान् हठात् चुप हो गये । तभी एक वैशालक युवा सामन्त का तीव्र प्रतिवाद स्वर सुनाई पड़ा :
_ 'वैशाली का काम गुलाम नहीं, भन्ते महाश्रमण, उसका प्रेम पराधीन नहीं, भन्ते भगवान । स्वतंत्रता ही हमारे विदेह देश की एक मात्र आराध्य देवी है । सर्वप्रिया देवी आम्रपाली हमारी उस स्वतंत्रता का मूर्तिमान विग्रह हैं । वे साक्षात् मुक्तिरूपा हैं । उन पर किसी एक का अधिकार नहीं हो सकता । सब उन्हें प्यार करने को स्वतंत्र हैं । स्वातंत्र्य का इससे बड़ा आदर्श पृथ्वी पर कहाँ मिलेगा, भगवन् ?'
'क्या देवी आम्रपाली भी किसी को प्यार करने को स्वतंत्र हैं ?' 'वे एक साथ सब को प्यार करने को स्वतंत्र हैं !' 'बेशर्त, बेदाम?' सामन्त निरुत्तर हो कर शून्य ताकता रह गया । प्रभु प्रश्न उठाते चले गये : _ 'क्या देवी आम्रपाली अपना प्रियतम चुनने को स्वतंत्र हैं ? क्या वे चाहें तो किसी अकिंचन चाण्डाल या निर्धन, निर्वसन भिक्षुक को प्रेम कर सकती हैं ?'
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