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द्वीपों और रत्न-द्वीपों की यात्रा करूँगा । अन्य समुद्र-पर्यन्त पृथ्वी पर यात्रा करने का त्याग करता हूँ । सर्वत्यागी प्रभु, मेरे निवेदन को सुनें !
'गंध-काषायी रक्त अंग-लुंछन वस्त्र (तौलिया) के सिवाय, अन्य सारे लुंछन-वसनों का त्याग करता हूँ । आर्द्र मधुयष्टि के अतिरिक्त अन्य सारे दन्त-धावन का त्याग करता हूँ। क्षीरामलक मधुर फल और आम्र फल को छोड़, अन्य फलों का त्याग करता हूँ। सहस्रपाक तथा शतपाक तेल के अतिरिक्त, अन्य सारे अभ्यंगनों का त्याग करता हूँ। जातिवन्त सुगन्धी गंधाढ्य उद्वर्तन को छोड़, अन्य सारे उद्वर्तनों का त्याग करता हूँ । आठ औष्ट्रिक जल-कुंभों से ही स्नान करके सन्तुष्ट हो लूंगा । उससे अधिक स्नान-जल का त्याग करता हूँ । मिस्र देशीय कपास तथा चोनी रेशम के क्षौम युगल को छोड़, अन्य सारे वस्त्रों का त्याग करता हूँ । हे भगवन्, आज से जीवन-पर्यन्त इन पदार्थों को को नहीं भोगूंगा।
'श्रीखंड, अगुरु तथा केशर-कस्तूरी को छोड़, अन्य सारे अंगरागों का त्याग करता हूँ। मालती माला और कमल के अतिरिक्त अन्य कोई पुष्प अब मैं ग्रहण न करूँगा । नीलांजन द्वीप के अलभ्य रत्नों के कुंडल, कण्ठहार तथा नामांकित मुद्रिका को छोड़ कर, अन्य सारे आभूषणों का त्याग करता हूँ । तुरुष्क, अगुरु तथा मलयागिरि चन्दन की धूप सिवाय, अन्य सारे धूपों का त्याग करता हूँ। गंधशालि के पयस् तधा घेवर-फैनी को छोड़ अन्य सारे मिष्ठान्नों का त्याग करता हूँ। काष्ठपेया के अतिरिक्त अन्य पेय भोजनों का त्याग करता हूँ। कमल-शालि को छोड़ कर अन्य सारे चावल तथा उड़द, मूंग और कलाय मटर के सिवाय, अन्य सारे दाल खाद्यों का त्याग करता हूँ। ___ 'हे सर्वभोगजयी प्रभु, सुनें, मैं आज से शरद ऋतु के गाय के घी को छोड़, अन्य तमाम घृतों का त्याग करता हूँ। स्वस्तिक, मंडुकी तथा बालुकी सिवाय अन्य सारे शाक सदा के लिये त्यागता हूँ। इमली के सिवाय अन्य अम्ल पदार्थों का त्याग करता हूँ । आकाश के जल को छोड़, अन्य जलों कात्याग करता हूँ। पंच-सुगन्धी ताम्बूल के सिवाय, अन्य सारे मुखवास पदार्थों का सदा के लिये त्याग करता हूँ । · ·इसके अतिरिक्त प्रभु जो भी आज्ञा करेंगे, उस सब का त्याग करने को प्रस्तुत हूँ !'
इस तरह सभी प्रकार के कुछ उत्कृष्ट भोग्य पदार्थों को चुन कर, श्रेष्ठीशिरोमणि आनन्द गृहपति ने अन्य सर्व भोगों का यावज्जीवन त्याग कर दिया। और वह बड़ी आशा और उदग्रता से एक टक प्रभु की ओर निहारने लगा। कि
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