SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 361
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३५६ ] [ कर्म-सिद्धान्त ४०. स्वर्गीय डॉ० देवेन्द्र कुमार जैन-प्रबुद्ध चिन्तक और लेखक, इन्दौर विश्व विद्यालय में हिन्दी प्राध्यापक । ४१. श्री जी० एस० नरवानी-राजस्थान प्रशासनिक अधिकारी, सचिव, राजस्थान डेयरी फेडरेशन, जयपुर । ४२. डॉ० महावीर सरन जैन-प्रबुद्ध विचारक, लेखक, भाषाविद् और समीक्षक । जबलपुर विश्वविद्यालय में हिन्दी प्रोफेसर । ४३. श्री रणजीतसिंह कमट-प्रबुद्ध चिन्तक और लेखक, भारतीय प्रशासनिक अधिकारी, प्रबन्ध संचालक, राजस्थान डेयरी फेडरेशन, जयपुर । डॉ० राजेन्द्रस्वरूप भटनागर-चिन्तक और लेखक, राजस्थान विश्व विद्यालय, जयपुर के दर्शन शास्त्र विभाग में एसोशियेट प्रोफेसर । ४५. डॉ० शान्ता महतानी-कानोड़िया महिला महाविद्यालय, जयपुर में दर्शन शास्त्र की विभागाध्यक्ष । ४६. प्राचार्य अनन्तप्रसाद जैन-प्रबुद्ध चिन्तक और लेखक, पारस सदन, आर्यनगर, लखनऊ-२२६ ००१ । ४७. श्री अशोककुमार सक्सेना-कनिष्ठ व्याख्याता, जीव विज्ञान विभाग, जवाहर विद्यापीठ, कानोड़-३१३ ६०४ (उदयपुर) राज० ४८. डॉ० महावीरसिंह मुडिया-एसोशियेट प्रोफेसर, रसायन शास्त्र विभाग, उदयपुर विश्वविद्यालय, रोशन भवन, चम्पा बाग, सरस्वती मार्ग, उदयपुर (राज.)। ४६. डॉ० जगदीशराय जैन-रीडर, रसायन शास्त्र विभाग, केसी, ४२-ए, अशोक विहार, फेज नं० १, न्यू वाटर टैंक, दिल्ली-११० ०५२ । ५०. डॉ० प्रेमसुमन जैन-जैन धर्म, दर्शन, साहित्य के प्रमुख विद्वान् एवं लेखक, उदयपुर विश्वविद्यालय में जैन विद्या एवं प्राकृत विभाग के अध्यक्ष, २६, उत्तरी सुन्दरवास, उदयपुर-३१३ ००१ (राज.) । स्वर्गीय सुजानमल मेहता-लेखक और स्वाध्यायी, सवाईमाधोपुर । ५२. श्री चांदमल बाबेल-लेखक और स्वाध्यायी, राधाकृष्ण कॉलोनी, भीलवाड़ा। ५१. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003842
Book TitleJinvani Special issue on Karmsiddhant Visheshank 1984
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendra Bhanavat, Shanta Bhanavat
PublisherSamyag Gyan Pracharak Mandal
Publication Year1984
Total Pages364
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy