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________________ परिशिष्ट ] [ ३५५ २६. स्वर्गीय श्री अगरचन्द नाहटा-प्रमुख गवेषक जैन विद्वान्, प्राचीन भाषा और साहित्य के विशेषज्ञ, अभय जैन ग्रंथालय, बीकानेर के संस्थापक । ३०. डॉ. देवदत्त शर्मा-लेखक, जन सम्पर्क विभाग, सूचना केन्द्र, उदयपुर-३१३ ००१ ३१. स्वर्गीय पं० सुखलाल संघवी-जैन धर्म और दर्शन के मर्मज्ञ विद्वान्, पद्मभूषण अलंकार से सम्मानित । इनके विचार 'संसार और धर्म' पुस्तक की भूमिका से संकलित किये गये हैं। ३२. पं० फूलचन्द शास्त्री-जैन धर्म और दर्शन के मर्मज्ञ विद्वान्, प्रबुद्ध चिन्तक और लेखक, वाराणसी। इनके विचार 'कर्मग्रंथ भाग-६' की भूमिका से संकलित किये गये हैं। ३३. स्वर्गीय श्री केदारनाथ-प्रबुद्ध चिन्तक और मौलिक विचारक । इनके विचार 'विवेक और साधना' पुस्तक से संकलित किये गये हैं। ३४. स्वर्गीय स्वामी शरणानन्द-मौलिक विचारक, तत्त्व चिन्तक और अनुभवी संत । 'मानव सेवा संघ' वृन्दावन, मथुरा के संस्थापक । इनके विचार 'मूक सत्संग और नित्य योग' पुस्तक से संकलित किये गये हैं। ३५. स्वर्गीय श्री किशोरलाल मश्रुवाला–प्रमुख सर्वोदयी विचारक, तत्त्व चिन्तक और लेखक । इनके विचार 'संसार और धर्म' पुस्तक से संकलित किये गये हैं। ३६. लोकमान्य बालगंगाधर तिलक-भारतीय स्वाधीनता संग्राम के प्रमुख सेनानी, प्रसिद्ध विद्वान् और चिन्तनशील लेखक । इनके विचार 'गीता रहस्य' पुस्तक से संकलित किये गये हैं । ३७. महात्मा गांधी राष्ट्रपिता, सत्य और अहिंसा के अन्ठे प्रयोग शिल्पी। इनके विचार 'गीता बोध' पुस्तक से संकलित किये गये हैं। ३८. स्वर्गीय प्राचार्य विनोबा भावे-भूदान आन्दोलन के प्रवर्तक, प्रबुद्ध विचारक, लेखक और व्याख्याता। इनके विचार 'गीता-प्रवचन' से संकलित किये गये है। ३६. प्राचार्य रजनीश-मौलिक चिन्तक, ओजस्वी वक्ता और अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ध्यान योगी। इनके विचार 'महावीरः परिचय और वाणी' से संकलित किये गये हैं। Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003842
Book TitleJinvani Special issue on Karmsiddhant Visheshank 1984
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendra Bhanavat, Shanta Bhanavat
PublisherSamyag Gyan Pracharak Mandal
Publication Year1984
Total Pages364
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size7 MB
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