________________
२३६
जै० सा० इ०-पूर्व पीठिका चेटककी शेष पांच पुत्रियोंके नाम इस प्रकार थे-मृगावती, सुप्रभा, प्रभावती, ज्येष्ठा और चन्दना। इसमेंसे मृगावती वत्सदेशकी कौशाम्बी नगरीके राजा शतानीकसे विवाही थी। सुप्रभा दशार्ण देशके हेमकच्छपुर नगरके राजा दशरथसे विवाही थी। प्रभावतीका विवाह कच्छदेशके रोरुक नगरके राजा उदयसे हुआ था । गान्धार देशके महीपुर नगरके राजा सत्यकने ज्येष्टाकी मांग की। किन्तु चेटकने उसे अपनी कन्या देना स्वीकार नहीं किया। तब उसने ऋद्ध होकर चेटकपर चढ़ाई कर दी। युद्ध में हारनेपर वह साधु हो गया। बादको ज्येष्ठा और चन्दना भी साध्वी हो गई।
श्वेताम्बर परम्परा के अनुसार भगवान महाबीरकी जननी त्रिसला चेकटकी बहन थी। किन्तु फिर भी चेटकके सात ही पुत्रियां थीं। उनके नाम-प्रभावती, पद्मावती, मृगावती, शिवा, ज्येष्ठा, सुज्येष्ठा और चेलना थे। सबसे बड़ी प्रभावती' का विवाह सिन्धु सौबीर देशके वीताभय नगरके राजा उदयन से हुआ था। पद्मावती चम्पाके राजा दधिवाहनसे विवाही थी। मगावती कौशाम्बीके राजा शतानीकसे विवाही थी। शिवाका विवाह उज्जैनीके राजा चण्डप्रद्योतसे हुआ था। ज्येष्ठाका विवाह भगवान महावीरके भाई नन्दिवर्धनसे हुआ था। चेलना राजगृहीके राजा श्रेणिक से विवाही थी और सुज्येष्ठा साध्वी हो गई थी।
१-उत्तर पु०, पर्व ७५, श्लोक १-१४ । २-वेसालिश्रो चेडो""सत्त धूताओ"श्राव० सू०।
३-सिंधुसौवीरेसु"वीतीभएनगरे"उदायणे नाम राया""तस्म.. प्रभावती नाम देवी । - भ० सू० ४६१। यहाँ राजा चेटककी कन्याओं
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org