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________________ भगवान् महावीर २३७ ये सब सम्बन्ध इस बातके सूचक हैं कि अपने मातृकुलके द्वारा महावीर सौवीर, अंग, वत्स, अवन्ती, विदेह और मगधके और उनके सम्बन्धोंके विषयमें दिगम्बर तथा श्वेताम्बर मान्यताओं में जो अन्तर है उसपर प्रकाश डालना उचित होगा। दिगम्बरोंके अनुसार भगवान महावीरकी जननी त्रिशला अथवा प्रियकारिणी चेटककी सबसे बड़ी पुत्री थी । किन्तु श्वेताम्बरों के अनुसार वह चेटककी बहिन थी। चेटकके पिता वगैरहके सम्बन्धमें जानकारीका कोई साधन उपलब्ध नहीं है । दिगम्बरोंके अनुसार महावीरके कोई भाई नहीं था और न चेटकके कोई सुज्येष्ठा नामकी कन्या थी। श्वेताम्बरोंके अनुसार महावीरके नन्दिवर्धन नामका बड़ा भाई था और उससे चेटककी पांचवीं कन्या ज्येष्ठा विवाही थी । दिगम्बरोंके अनुसार ज्येष्ठा साध्वी हो गई और श्वेताम्बरोंके अनुसार सुज्येष्ठा साध्वी हो गई। दिगम्बरोंके अनुसार चन्दना चेटककी सबसे छोटी पुत्री थी । और श्वेताम्बरों के अनुसार चन्दना चेटककी दौहित्री तथा चम्पा नरेश दधिवाहनकी पुत्री थी। दिगम्बरोंके अनुसार चेटकके पद्मावती नामकी कोई कन्या नहीं थी और न चम्पा नरेशसे चेटककी किसी कन्याका विवाह हुआ था। श्वेताम्बरों के अनुसार चम्पापुरके राजा दधिवाहन और रानी पद्मावतीका पुत्र करकण्डु था। अर्थात् अजात शत्रुकी तरह करकण्डु भी चेटकका दौहित्र था। किन्तु इतिहाससे इसका समर्थन नहीं होता । यह हम पहले लिख आये हैं कि करकण्डु विदेहराज नमिका समकालीन था । और वह पार्श्वनाथके तीर्थमें हुआ था। दिगम्बरों के अनुसार उसके पिताका नाम दन्तिवाहन था और वह चम्पापुरका राजा था, तथा उसकी माताका नाम भी पद्मावती था। किन्तु वह पद्मावती कौशाम्बीके राजा १-वृ० क० को० में करकण्डु की कथा । Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003837
Book TitleJain Sahitya ka Itihas Purv Pithika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKailashchandra Shastri
PublisherGaneshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
Publication Year
Total Pages778
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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