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भक्तमाल
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मूल प० टीका १० श्री दादू के शिष्यों का वर्णन
३६१-३६२ गरीबदास, मसकीन, दवाई, (दो) सुन्दरदास,
रज्जब, दयालदास, (चार) मोहन । गरीबदासजी का वर्णन
३६३-३७०
१८३-१८५ सुन्दरदासजी (बड़ा) का वर्णन
३७१-३७७
१८६-१८७ रज्जबजी का वर्णन
३७८-३८७ १८७-१८६ मोहनदास मेवाड़ा का वर्णन
३८८-३९०
१८६ जगजीवनदास का वर्णन
३६१-३६३
१६० बाबा बनवारीदासजी का वर्णन
३६४-३६६
१६१ चतुरभुजजी का वर्णन
३६७-४००
१९२-१६३ प्रागदास विहाणी का वर्णन
४०१-४०२ जयमलजी (दोनों) का समुदाई वर्णन
४०३ चौहान जैमलजी का वर्णन
४०४-४०५
१६४ कछवा जैमलजी का वर्णन
४०६-४०८
१६४-१६५ जनगोपालजी का वर्णन
४०६-४११
१६५-१६६ वखनाजी का वर्णन
४१२-४१४ जग्गाजी का वर्णन
४१५-४१६
१९७ जगन्नाथजी का वर्णन
४१७-४१८
१६७ सुन्दरदासजी बूसर का वर्णन
४१६-४२७ १९८-२०० सुन्दरदासजी बूसर की टीका
५४८-५५१ २००-२०१ वाजिन्द जी का वर्णन
४२८ दादूजी के सेवकों का वर्णन
(परिशिष्ट पद्यांक १०६४) बाइयों का वर्णन
( , , १०६५) दादूजी के शिष्यों के भजन स्थानों का वर्णन (परिशिष्ट में १०६८-से ११०३) निरंजनी पंथ वर्णन निरंजन पंथ नामावली
४२६ ४३०
२०२ जगन्नाथजी लपट्या की टीका
५५२ अानन्ददासजी का वर्णन
४३१-४३२
२०३ श्यामदासजी का वर्णन
२०१
२०२
२०३
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