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________________ भक्तमाल पृष्ठ १८३ १६३ १६३ [ २२ ] मूल प० टीका १० श्री दादू के शिष्यों का वर्णन ३६१-३६२ गरीबदास, मसकीन, दवाई, (दो) सुन्दरदास, रज्जब, दयालदास, (चार) मोहन । गरीबदासजी का वर्णन ३६३-३७० १८३-१८५ सुन्दरदासजी (बड़ा) का वर्णन ३७१-३७७ १८६-१८७ रज्जबजी का वर्णन ३७८-३८७ १८७-१८६ मोहनदास मेवाड़ा का वर्णन ३८८-३९० १८६ जगजीवनदास का वर्णन ३६१-३६३ १६० बाबा बनवारीदासजी का वर्णन ३६४-३६६ १६१ चतुरभुजजी का वर्णन ३६७-४०० १९२-१६३ प्रागदास विहाणी का वर्णन ४०१-४०२ जयमलजी (दोनों) का समुदाई वर्णन ४०३ चौहान जैमलजी का वर्णन ४०४-४०५ १६४ कछवा जैमलजी का वर्णन ४०६-४०८ १६४-१६५ जनगोपालजी का वर्णन ४०६-४११ १६५-१६६ वखनाजी का वर्णन ४१२-४१४ जग्गाजी का वर्णन ४१५-४१६ १९७ जगन्नाथजी का वर्णन ४१७-४१८ १६७ सुन्दरदासजी बूसर का वर्णन ४१६-४२७ १९८-२०० सुन्दरदासजी बूसर की टीका ५४८-५५१ २००-२०१ वाजिन्द जी का वर्णन ४२८ दादूजी के सेवकों का वर्णन (परिशिष्ट पद्यांक १०६४) बाइयों का वर्णन ( , , १०६५) दादूजी के शिष्यों के भजन स्थानों का वर्णन (परिशिष्ट में १०६८-से ११०३) निरंजनी पंथ वर्णन निरंजन पंथ नामावली ४२६ ४३० २०२ जगन्नाथजी लपट्या की टीका ५५२ अानन्ददासजी का वर्णन ४३१-४३२ २०३ श्यामदासजी का वर्णन २०१ २०२ २०३ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003832
Book TitleBhaktmal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRaghavdas, Chaturdas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1965
Total Pages364
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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