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________________ ३३६ १७४ अनुक्रमणिका [ २१ ] मूल ५० टीका प० पृष्ठ खेमाल की कथा ३३५ १७१ रामरनि की कथा ३३५ १७२ रामरैनि की टीका ५३८ १७२ रामवाम की कथा राजाबाई की टीका ५३६ १७२ किशोरदास का वर्णन १७२ किशोरदास की टीका ५४०-५४१ १७३ खेमाल (हरिदास) का वर्णन १७३ नीमा खेतसी , ३३८ कात्यायनीबाई , १७३ मुरारीदासजी , ३४० १७४ मुरारीदासजी की टीका ५४२-५४६ इति समुदाई भक्त वर्णन। चतुरपंथ विगत वर्णन ३४१-३४२ १७५ नानक, कबीर, दादू, जगत, (हरि. . निरंजनी)। सम्प्रदाय की पद्धति वर्णन चतुर्मत के प्राचार्य एवं नानक दादू का महत्त्व वर्णन ३४४ नानकजी का मत वर्णन ३४५-३४६ १७६ लक्ष्मीचंद श्रीचंदजी का समुदाई वर्णन १७६ नानक की परंपरा का वर्णन ३४८ १७६ कबीर साहब पंथ वर्णन ३४६-३५२ १७७ कबीर शिष्य नामावली का वर्णन ३५३ १७८ कमाली का वर्णन ३५४ १७८ ज्ञानीजी का वर्णन ३५५ १७८ धर्मदासजी का वर्णन ३५६-३५८ १७१ श्री दादूदयालजी का पंथ वर्णन ३५६-३६० श्री दादूदयालजी को टीका ५४७-५५७ १८०-१८३ १७५ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003832
Book TitleBhaktmal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRaghavdas, Chaturdas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1965
Total Pages364
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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