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________________ अनुक्रमणिका मूल पद्यांक १-१६ १-१५ १६ टोकाकर्ता का मंगलाचरण टीका स्वरूप वर्णन भक्ति स्वरूप वर्णन भक्ति पंचरस वर्णन सत्संग प्रभाव राघवदासजी का वर्णन श्री भक्तमाल स्वरूप वर्णन मूल मंगलाचरण मूल मंगलाचरण चौबीस अवतार वर्णन नाम-कच्छप, मत्स्य, वराह, नरसिंह, वामन, रामचन्द्र, परशुराम, कृष्ण, व्यास, कल्कि, बुद्ध, मन्वन्तर, पृथु, हरि, हंस, हयग्रीव, यज्ञ, ऋषभदेव, धन्वन्तरि, ध्रुववरदेव, दत्तात्रेय, कपिल, सनकादि, नरनारायण । चौबीस अवतारों की टीका अवतारों के पद चिह्न पव चिह्न नाम-ध्वजा, शंख, षट्कोण, जामुन, चक्र, कमल, जव, वज्र, अम्बर, अंकुश, गोपद, धनुष, सर्प, सुधाघट, स्वस्ति, मीन, बिन्दु, त्रिकोण, अर्धचन्द्र, प्रष्टकोण,अध्वरेख, पुरुष। अवतारों के पद चिह्न की टीका तीन युगों के भक्तों का वर्णन लक्ष्मी, कपिल, ब्रह्मा, शेष, शिव, भीष्म, प्रह्लाद, सनकादि, व्यास, जनक, नारद, अजामेल १०-१६ १७-२१६-१० १८ १७-२१ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003832
Book TitleBhaktmal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRaghavdas, Chaturdas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1965
Total Pages364
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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