SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 78
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शांतिनाथदेवरास आउहसालइ संतिनाह तउ चक्कु उप्पन्नउँ । सामि-पयावह पुन्नु एहु दुद्धर हुउँ मन्नउँ ॥ तिहुयण-नाहु वि ताम तस्स कारइ अट्ठाही । अहवा तारिस पुव्व-वाट छंडइ इह नाही ॥१६ सालह चल्लिउ ताम चक्कु जाला-जीहाल्लू । वइरि-वग्ग-अभग्ग-गसण उद्विउ किरि कालू ॥ वज्जिय काहल वजिय ढक त्रत्रहहि नीसाणा । रहसि चडिया मउडबद्ध मंडलिया राणा ॥१७ मत्ता मयगल गुलगलंति हय हिंसिय विहसिय । सुहड वि मेल्लइ सीहनाय रह घोसिय विलसिय ॥ खेहा-रणिअ भरिउ सूरु नहु सूझइ काई । देइ पयाणउ संतिनाहु दल कह वि न माइ ॥१८ तउ महियल थरहरिय नाग-कु[२४७B]ल सवि सलवलिया। टलटलिया कुल-सेल सव्वि सायर झलझलिया । नमिय सेस-फण नूण संति-जिण आणा झल्लिय । आय कमढि पुणु आणणे णु फेसंडिय घल्लिय ॥१९ चक्क-रयणि दंसियइ मग्गि साहवि छ-खंड । भरह-खित्ति आवियउ संति गयउरि उदंडु ॥ मउडबद्ध बत्तीस सहस रायह अभिसित्तू । चक्कवट्टि-पय करइ रज्जु निज्जिय सवि सत्तू ॥२० अंतेउर चउसट्ठि सहस तसु तह चउरासी । हय गय रहवर सय सहस पत्तेय[हआसी ॥ नव निहि चउदह रयण जक्ख सोलसह सहस्सह । आसि पहू छन्नवइ कोडि गामह पायक्कह ॥२१ ___ चक्क-लच्छि २ छड्डि विच्छड्डि । लोगंतिय-बोहियउ देइ दाणु वच्छरु निरुत्तउ। सव्वट्ठ-सिविमारुहवि जिट्ठ-बहुल-चउदसिहि पत्तउ ॥ १६. १. आउयहसालय; उप्पन्नओ. २. मन्नओ. १७. २. करि. १८. १. विहिसिय; २. मेल्हय सीयनाय. २०. १. रवणि ३. अभिसत्त. ४. निज्जय. २२. १. बोहियओ. २. देव; निरुत्तओ. ५. चउदसहि पत्तओ. Jain Educationa Interational For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003831
Book TitlePrachin Gurjar Kavya Sanchay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorH C Bhayani, Agarchand Nahta
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1975
Total Pages186
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy