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नेमिनाथ-रास जिण अशरीरू जीतउ वीरू पामिउँ तीरू माया-नीरू
पहिरणि जादर-चीरू ॥७ नेमिकुमर अनइ रुकमिणि-कंतो जाने वीतउ रितु हिमवंतो
खेलइ मास वसंतो ॥ जेह गुण लाभइ किमइ न अंतो हीअडइ सामी सहिजि हसंतो
. सूयणह चीति वसंतो ॥८ एक वार मिलि बंधु-निकाय शिवि-दिवि माडिय-नइहरि भाय
मायइ न बइठउ मंते ।। नेमिकुमरु ईण इवइ तुरुणइ (?) सोहगसुंदर किमयइ परणइ
___अरणइ ते अति चीते ॥९ तेहे आवि साहिउ बाहिं हाउ भणावी सामिउ पाहइँ
माँडिउ माँड वीवाहो ॥ धवल मँगल सिवि गाइं हरखी गोपी रूपिइँ वर रिति-सिरखी
इउ मनि ऊछाहो ॥१० दसइ दसार उ कुंयर मिलीया हरख धरंता जानइँ चलिया
वाजइँ ढोल-नीसाण ॥ रथवर गइँवर तुरीय थाट जयजय-कार भणइँ तिहि भाट
___ नाचइँ पात्र सुजाण ॥११ मंगल मद्दल वाजइँ भेर भुंगल शंख लक्खु इकतेर
त्रंबक त्रत्रह-कारो॥ मेघाडंबर शिर-वरि छत्र केता ढालई चमर पवित्र
चालिउ नेमिकुमारो ॥१२ उग्रसेन-पुरि पुहतउ जाम राणी राजल हरिखी ताम .
करइ सयरि शृंगारो ॥ अलि-कलि-कज्जल जिमि अति-कालउ सिरि वरि वेणी-दंड रमालउ
___ मोती-नउ उरि हारो ॥१३ काँने कुंडल सोवन-केराँ झलकइँ कंकण पाणि भलेरौं
निम्मल तुर गुण-गेहो ॥ अंज. लोयण आयत बाली जीपइँ अहरे वर परवाली
काली भमही-रेहो ॥१४ झगमग करइँ बाहइँ केउर रणरणाट ते पाए नेउर
टीली निलय-दूयारे ॥
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