SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 28
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ herगोयम-संधि ६ 'पासि बंध बाँधिउ इह - लोगो सो तइँ पास बंध किम छिंदिउ 'पास - बंध मइ मूलह तोडिउ 'पास किसिउ' केसी इम भासइ मोह-पास पसरंत-सणेहू मोह-बद्ध जाणंत मूझइ देहुभव विस-वेली महंती विसमय-फल-दल-कंदल-मूली 'मइँ विस-वेलि-मूल खणि सोहिउ 'वेली किसी ' इम पूछड़ केसी 'भव - तिहा विस-वेलि भणीजइ जं जगि विसय-पिपासा - नडिया 'दुद्दम दुट्ठ तुरंगम अच्छइ Jain Educationa International तिहुयण-तरु छाया विहरंती ॥५५ सा तइ गोयम किम ऊमूली ॥५६ त तउ 'झाल- कराल जलइ जा अग्गी सा तइ गोयम किम उल्हाविय 'सा मइँ मेह- नीरि उल्हाविय भइ केसि ' के पावग-पाणी' 'कोव जलण जिण जलहर वाणी कोवि जलंतु खवग अहि थाई दीसइ दीण निहीण स- सोगो ॥४६ जं तुह दीसइ मनि आनंदिउ ' ॥४७ आपणपर आप जि विछोडिउ ' ॥४८ तर गोयम - गुरु ते जि पयासइ ॥ ४९ वर- वेरग्ग-खग्गि छिंदेहू ||५० भदत्त जिम किम-इ न बूझइ' ॥५१ 'साहु साहु गोयम ० ' ॥५२-५३ ' तो गोयम वुच्चइ ० ॥५४ हउँ तसु विस- वाइ न मोहिउ' ॥५७ गोयम - गुरु कहइ महेसी ॥ ५८ विसय-मूल संवेगि खणीजइ ॥५९ दो - वि सुवन्नकार भवि पडिया' ॥६० 'साहु साहु गोयम ० ' ॥६१--६२ तो गोयम वुच्चइ० ॥ ६३ ८ संतावर देहंतरि लग्गी ॥ ६४ जं तुह तणु दीसइ अण- ताविय' ॥६५ तउ तिणि मह तणु नहु संतावियं' ॥ गोयम कहइ अमियम वाणी ॥६७ जाणेवउ सुय सीयल पाणी ॥६८ नागदत्त उवसमि सिवि जाई ॥६९ 'साहु साहु गोयम ० ॥ ७०-७१ तो गोयम वुच्चइ० ॥७२ ९ मागु मेल्हि उमागिइँ गच्छ ॥७३ For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003831
Book TitlePrachin Gurjar Kavya Sanchay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorH C Bhayani, Agarchand Nahta
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1975
Total Pages186
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy