________________
अवसर मिलता है तब क्या मनुष्य "जिनप्रतिमा" को देखकर अपना आत्म कल्याण नहीं कर सकता ? अवश्य कर सकता है। __(४) अपने स्वामी, राजा व सम्राट की मूर्ति का खंडन, अपमान करनेवाले को राज्य दण्ड मिलता है। अपने पर्वजों की मर्तियों को देखकर अपने हृदयमें आदर भाव उत्पन्न हो जाता है तब क्या “जिन प्रतिमा” को देख कर आदर, प्रेम व भक्ति नहीं उत्पन्न होती ? अवश्य होती है। इस प्रकार अनेक युक्तियों द्वारा "जिन प्रतिमा” का दर्शन, वंदन व पूजन लाभदायक है यह अच्छी तरह सिद्ध किया जा सकता है। __अब ऐतिहासिक दृष्टिसे "जिन प्रतिमा” की प्राचीनता के विषयमें विचार करते हैं।
(१) दो हजार वर्षों से भी प्राचीन महाराजा “खारवेल” का शिलालेख उपलब्ध है। उससे यह जाना जाता है कि मगध नरेश नन्द
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org