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________________ ७. अहि महिमद नइ हाजीऊ ॥४.६५ ८. घांची मोची सूई सूनार ॥४.१९॥ ___ गांछा छीपा नइ तेरमा ॥४.२० ९. दल चलंत धरणी कापड, सेषन मालइ मार। सायर तणां पूर ऊलटियां, जेवा रेलणहार २.६३ १०. मारइ देस, फिरइ घण फोजइ। अनइ लस्यइ धान । बोलइ ठोरधार सपराणा । माणस झालइ बान ॥१.७०॥ ११. कटक तणी सामगरी दीठी, सांतल करिउ बषाण । धन्य धन्य दिन आज अम्हारउ, जे आव्यउ सुरताण । २.१०७ ७. अहमद महमद महवी कीया १०५ हाजी कालू ऊंबरा बड़ा ॥१०४॥ ८. मोची, घांची नई तेरमा, ११० सूई सूनार तणी नहीं मणा ॥१०९॥ ९. ढीली थकउ चाल्यु सुरताण, सेषनाग टलटलीया ताम । डूंगर गुडइ समुद्र मलहलइ, त्रिभुवन कोलाहल ऊछलइ । ॥१४॥ १०. सवालाख माहि दीधी वाह, लूभइ बंधइ माणस आह , ढाइइ पोलि नगर प्राकार, देश माहि वलि फिर्या अपार॥११७॥ ११. आज अम्हारउ जिव्यउ प्रमाण, हूँ मलउ ऊपनठ चहुआण । रिणथंभोर हउ होवउ राय, . मुझ घरि ढीली आव्यउ पतिसाह । ॥३२॥ १२. सोवन कलस दंड मलहलइ। ऊपरि थकी धजा लहलहइ ॥११॥ १३. तंबोलीय मालीय कलाल, नाचणी मोची नइ लोहार ॥१०९ १४. सींगणी तणा विछड़इ तीर ।१८६ यंत्र नालि बहइ ढींकुली ॥१८७|| १२. तरल त्रिकलसा झलहलइ रे, धन धरीइ विमाल । ३.१५४ १३. माली तम्बोली सोनार, . चालइ घाट घड़ा सोनार ४.८४ १४. साम्हा सींगणी तीर विछटाइ, निरता वहइ नलीयार । २.१२५ यंत्र गरवी गोला नाखइ २.१२८ १५. राउलि बिहूँ सिखावण कही। ॥४.१४३॥ १५. राय सिखावणि दीधी भली ॥२६. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003823
Book TitleHammirayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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