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है।' यह कथा दोनों ही काव्यों में वर्तमान है कि महिमासाहि ने अन्त तक हम्मीर का साथ दिया। किन्तु हम्मीरमहाकाव्य में मुहम्मदशाह के अपने बाल-बच्चों और स्त्री को असिसात् करने की कथा अधिक है। एक मुसल्मान वीर के लिए सम्भवतः जौहर का यही उचित स्वरूप था। बाकी का जौहर का वर्णन आज कल की Scorched earth Policy की याद दिलाती है जिसमें इस लक्ष्य से कि कोई वस्तु शत्रु के हाथ में न पड़े, समी वस्तुएँ भस्मसात कर दी जाती है । जौहर में स्त्रियों की आहुति ही न होती, हाथी, घोड़े आदि उपयोगी जीव मार दिए जाते, और सार द्रव्य प्रायः वावड़ी, कुएँ आदि ऐसे स्थानों में फेंक दिए जाते जहाँ से शत्रु उनको न प्राप्त कर सकें। रणथंभोर के दुर्ग में भी इसी नीति का अनुसरण किया गया था। ___ जौहर से पूर्व राजवंश के एक कुमार को गद्दी देकर बाहर निकालने की कथा हम्मीरायण में वर्तमान है। हम्मीरमहाकाव्य के अनुसार राजा ने प्रसन्नतापूर्वक राज्य जाजा को दिया। इस विरोध का परिहार शायद किया जा सकता है। हम्मीर ने एक स्ववंशज कुमार को बाहर निकाल दिया; किन्तु अपनी मृत्यु के बाद भी दुर्ग के लिए युद्ध करने का मार जाजा को दिया। जालोर में यही कार्यमार कान्हडदे के वीर पुत्र बीरम ने समाला था।
हम्मीरायण ने अन्तिम युद्ध में ६ व्यक्तियों की उपस्थिति लिखी है
१. देखें हमारी पुस्तक Early Chauhan Dynasties
पृ. १६६, टिप्पण ५८ २. वही पृ. ११४।
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