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________________ हम्मीरायण ३१ देव तणी देवी हुई जिसी, राय तणी अंतेउरि जिसी; ते देखी देव खलभलइ, राय कुंवरी इसी परि बलइ; २६८. (रा) जाणे तिणि गढि पडिउ पुलउ, लोक सहू को लागउ बलउ; अरथ भंडार संजति समुदाय, राछ पीछ बलइ तिणि ठाउ; २६६ सोना जड़ित बलइ पलाण, जीण साल हथियार लगाम; पलंक ढोल कमखानइ पाट, चरु त्रंबालु कचोला त्राट; २७० करणाली सोना रूपा तणी, गरथि भरीय बलइ अति घणी; कुमखा कतीफा जुन पटकूल, सउड़ि तलाइ तणा अति पूरः २७१ एकवीस मूमिया बलइ आवासि, जाइ झाल लागी आकासि हणवंति जेम पजाली लंक, ते बीतक वीता रिणथंभि; २७२ जमहर करी पहूंतउ राउ, न को ऊगरिउ तिणि ठाउ उत्तम मध्यम [को न लहइ पार, सवा लाख नउ हुवऊ संहार, २७३ गढ सगलउ मुकलावइ ताम, चिहु पोलि फिरि कीयउ प्रणाम; पातिसाह नइ पूठि न देसि, चहुयाणाइ गढ वलि आणेसि; २७४ मुकलावइ देहुरा रा देव, कोठारे गयउ तिणि खेवि वावि सरोवर नगर विहार, मुकलावइ भडार कोठार; २७५ ऊभउ रहि जोवइ कोठार, धान भस्या दीसइ अंबार; जाजउ वीरमदे बे मीर, गढ राखिस्या म मरि हमीर; २७६ राय कहइ बंधव सुणि वात, या कीसी बोली तइ घात; अनरथ हुवउ घणउ तिणि ठामि, हिव रहि नइ करिस्यां कुण काम २७७ २६६ लागइ बलइ, ति ठाई, २७० लगाश, १७२ वलइ अवासि २७३ उगरउ, ठामि, २७६ ऊभउ, २७७ तू, Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003823
Book TitleHammirayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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