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हम्मीरायण साची वात मानी चहुयाण, कुमर तेडाव्या तेणइ ठामिः टीलउ काढि खड़ग दीधउ हाथि, रिणथंभोरि वड़ा हुजउ हाथ, २५८ बांभण नइ तुम्हि देज्यो दान, रखे महेसरी कर प्रधान महेसरी ना वाढिज्यो कान, तुरका ने देज्यो बहुमान; २५६ राय सिखावणि दीधी भली, तीयांरी माइ साथि मोकली; तीह नइ घोड़ा दे रजपूत; दियइ बाप वली दुइ पूतः २६० राय हमीर मीर नइ कहइ, हाथी मारि रखे कोई रहइ; मेल्हइ मीर प्राण अति वाण, नव नव हाथी पाड़इ ठाण; २६१ सालिहोत्र सूधा तूषार, ते मारीजइ तेणइ वार; घरि घरि जमहर लोके कीया, राऊल गुन बलइ छइ तिहा; २६२ जमहर रा माता धूकला, राय अंतेउर लागा बला; करी सनान पहिरीया चीर, ऊगटणे लूहीया सरीर, २६३ सिरि सिंदूर सिंध तेडिया, सवा कोड़ि का टीका किया; नयणे काजल सारी रेह, मुख तंबोल समाण्या तेह; २६४ काने कुंडल झलकइ तिया, सूरिज चंदरी ऊपम जीया; "बांहइ बांध्या बहरखा भला, सोवन चूडी खलकइ निला; २६५
आंगुलीयां सोहइ मूदड़ी, सवा लाख री हीरे जड़ी; कंठनि गोदर उरिवर हार, पाई नेउरि झण झण कार; २६६ सोलह सिंगार संपूरण कीया, नाचइ गावइ गाढी तीया; -आपण पणा संभालइ प्रिया, बेऊ पक्ष उजालइ त्रिया; २६७
-२५८ ते अाव्या, २६० दइ, २६१न, २६३ उगटणे, २६४ सिंघां ताडीया, “कीयो, २६७ प्रिया
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