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हम्मीरायण
कनड़ा कुर्कट हवसी जेउ, कोसीसइ जइ वाज्या तेउ ; मीर मलिक पठाण जि हुता, तिणि गढि चड्या घणा सुजुता ; १७६ चउद सहस गयवर तिह गुड्या, मदि माता भाखरि जाइ अड्या ; घंटा तणा हुवइ निनाद, गढना देव धरइ विषवाद ; १७७ सवालाख वाजा वाजीया, कायर तणा तिणि फाटइ हीया ; लबे लबे करइ इआर, जाणे गढ लेसी तिणिवार १७८
॥ दोहा ॥
तिथि अवसर हम्मीरदे, तेड्या सगला राइ ; आज भलउ कील करउ, देखइ जिउ पातिसाह ; १७६ राजकुली छत्रीस नइ मोटा राणो राणि ; ते गढ़ हूता
ऊतर्या, जझ करइ मंडाणि ; १८०
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सूरा मनि उछाहड़उ, कायर पड़इ पराण ; बांका बोलजि बोलता, भाजि गया तिसि ठाण; १८५ पछेवड़ी घुटी समी, हाटो माहि घसंति ; लोह क्या देखि करि, गया ति कायर न्हासि ; १८२ ॥ चौपाई ॥
सात छत्र धरावय राइ, गयवर गुड्या आण्या तिणि ठाइ ; आलम ऊभो देखइ पातिसाह, बेऊ सुभट भिड़इ तिणइ ठाई ; १८३
बिहु दल बाजइ जांगी ढोल, नीसाणे पड़इ हिलोल ; बिहु दलि वाजइरिणि काहली, कटक दउड़ि झालरि रसि भरी; १८४ २७६ हवसि जेव, सुजुतु १७६ हमीरदे, राव आज
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