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________________ २० हम्मीरायण गुहिलत्र गहिल गोहिल राव, परमार पधार्या अति उछाह ; सोलंकी सिंधल घणइ मंडाणि, चंदेल खाइड़ा नइ चहुआण ; १६८ जाडा जादव महुउडा एव, सूरमा रणमल जाई तेउ; . राठवड़ मेवाड़ा निकुंद, छत्रीस कुली मीली आरम्भ ; १६६ हम्मीर राय हरखीय अपार, दीठा मिल्या अति झूझार; मंडलीक मउडउधाराणो राणि, सहुवमिलि आव्या तेणि ठामि ; १७०० रजपूतां नइ दीधा (अति) भला सनाह, अंगा रंगाउलि तणा ठाह; छत्रीस डंडाऊध लीय जाम, 'महिमासाह' उतऱ्या ताम ; १७१ मास्या मीर मलिक जाम, सगला दल मांहि पड्यउ भंगाण ; नवलखि मास्या निसरखान, बंबारव पड्यउ तेणि ठाणि ; १७२ 'महिमासाहि' मार्या घणा मीर, गढ जाय जुहास्या हमीर ; जस जयति हुउ चहुआण राय, कवि कहइ 'व्यास भंडउ' उछाह ; १७३ ॥दोहा॥ कटक मांहि हल हल हुई, हुउ दमामे घाउ ; सुभट सनाह लेई भला, चडिउ आलम साह ; १५४ ॥चौपई॥ आलमसाह चड्यउ सुरताण, कटक सहु नइ हुवा फुरमाण ; मोटा खान भारी ऊंबरा, तिणि गढि लागा पालाफीरा ; १७५५ २७० हमीर, मोडोधा, ठाणि Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003823
Book TitleHammirayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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