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हम्मीरायण सुहड़ भला जे तेजी सूर, ते तेडाव्या राय हमीर, लहता ग्रास अम्हारइ घणा, हिव अंतर दाखउ आपणा; ७५ सहु मिल्यउ पालउ परिवार, सवा लाख मिलिया झूझार; वाजिन तणी नहीं कामणा, वाजइ ढोल सीरहली तणा; ७६ सुभटे लीया सबल सन्नाह, त्यां सुभटां मनि अति उच्छाह; घणा दीह लगु रामति रम्या, तुरक देस हेलां निगम्या; ७७ गुड्या गयवर हयवर पाखस्या, घणा दीह लगु बांध्या चस्या; जातीवंत हुता तोषार, त्यांरी पुंठि हुवा असवार; ७८ महिमासाह गाभरू मीर, साथइ ले ऊतस्यउ हमीर; रातीवाह कटक माहि दीयउ, अलुखान तब भाजी गयउ ७६ कटक घणउ कीयो खराब, मास्वा मीर मलिक मूलाजाद; देस के घणा मास्यारि पठाण, सहस बत्रीस लीया केकाण; ८० अलुखान जइ भागो जाय, कोटी सूयार ति लूटी राय रणथंभवरि बधावउ करइ, ते मूरिख मनि हरख जि धरइ; ८१ अलुखान देस माहि गयउ, कटक सहू एकट्ठउ कियउ; पातसाह नइ गइ पुकार, घणउ कटक मास्वउ खुदकार; ८२ बीजा सहु मानइ थारी आण, एक न मानइ हमीरदे चहुआणः । जउरि न मानइ थारी आण, पातसाही थारी अप्रमाण; ८३ एउ पुकार सुणी सुरताणि, आलमसाह जपय रहमाण; खुदाइ खुदाइ करी मन माहि, दाढी हाथ घालइ पतिसाह; ८४ ७५ तेजि सुर ८२ गयो, कीयौ
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