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________________ हम्मीरायण अलुखानि कोप मनि धस्यउ, मीर मलिक सहु साथइ कस्यउ; भला अपार नइ तेजी तुरी, त्रिहु लाखइ पडीवाधरी ; ६५ चडउ चडउ भला जे मीर, ऊठउ घोड़े बाहु जीण; पहिस्या जरद टोप जिण साल, घोड़े चड्या लेइ करवाल; ६६ अलुखान चडिउ जिणवार, देस माहि को न लहइ सार, ' कटक तणी नहीं का बात, करमदी बीटी आधी राति; ६७ हेड़ाऊ जाजउ देवड़उ, घोडा ले आयु वीकणउ; सोबति तियरी उतरी जिहां, तिसइ करमदी बीटी तिहां; ६८ जाजउ बाहर चड्यउ जिणवार, पंच सहस लीधा तोषार; कटक विणास कीयउ अति घणउ, जोउ प्राक्रम प्राहुणा तणउ; ६६ सोबति लेइ जाजउ गढि गयउ, राय हम्मीर तणइ भेटियउ, राति तणउ कहीयउ विरतंत, जाजइ लीधउ बहु वइ वित; ७० अलुखान पासरणउ कस्यउ, हीरापुर घाटउ उतस्यउः । सुधि न लाधी कुणही गामि, छाइणि सूती बीटी खानि; ७१ अलुखानि बंदि अति कीया, सहस चउरासी माणस लीया, बाली नगर ढाही अहिठाण, तिणि नयरी खान दिया मिलाण; ७२ देस मांहि भगाणउ पड्यउ, रणथंभवरि सह कोई डस्यउ। हाटे बइठा हसइ वाणिया, वेलि तणा फल योवउ सया [णिया] ७३ देखी दल चमक्यउ चउहाण, हम्मीरदे इम बोलइ राण; तउ हूंउ जयतिगदे पूत, मारी असुर दल आणुं सूत; ७४ ६५ अलुखानी, धरइ ७० हमीर, भेटियइ ७१ कीयउ ७३ तण ७४ हमीरदे, पुत्र, आणी Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003823
Book TitleHammirayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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