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होने की प्रतीति होने लगी, फिर भी वह उद्यम पूर्वक दूसरी बार हत्या की घात सोचने लगा। उसने कहा-आप अपने साथ को छोड़कर मेरे साथ रहिए। हमारे यहाँ मजीठ अत्यन्त सस्ती है और उज्जैन में उसके सीधे दुगुने होंगे। अतः द्रव्योपार्जन का एकान्त लाभ उठाने के लिए दूसरों से अज्ञात मजीठ की खरीदी प्रारम्भ कर देनी चाहिए, क्योंकि दूसरे व्यापारी जान लेने पर वे भी खरीद प्रारम्भ कर देंगे और फिर अपने को ही ऊँचे दामों में बेचेंगे! चम्पानगर में मेरा भाई साधुदत्त है, मैं उसके नाम पत्र लिख देता हूँ। इस व्यापार में जो लाभ होगा उसे अपन आधा-आधा बाँट लेंगे। ___ व्यापार में लाभ प्राप्त करने के लोभ से चम्पक ने चम्पानगर जाना स्वीकार कर लिया । वृद्धदत्त ने अपने भाई के नाम से एक पत्र लिख कर चम्पक को दिया, जिसमें लिखा कि इसने भरे बाजार में मुझे बेइज्जत किया है और हमारा परम शत्रु है। अतः बिना कुछ हया दया लाये व आगा पीछे सोचे इसे मारकर कुएँ में डाल देना एवं काम हो जाने पर मेरे पास बधाई देकर आदमी भेज देना! __चम्पक सेठ पत्र लेकर चम्पानगर वृद्धदत्त के घर पहुंचा। उस समय साधुदत्त कहीं तकादा उगाहने के लिए गया हुआ था एवं गृहस्वामिनी कौतिगदे भी घर से बाहर गयी हुई थी। अतः घर में वृद्धदत्त की पुत्री तिलोत्तमा अकेली ही फूलदड़े
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