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गणधर गौतम : परिशीलन
भरुअच्छ (भरौंच) सेरिसा धवलक्क (धोलका)
खंभनयर (खंभात)
मुनिसुव्रत लोडण पार्श्वनाथ कलिकुंड पार्श्वनाथ, जिणहरवसही, पार्श्वनाथ पार्श्व, विधि चैत्ये अजितनाथादि चौवीस, अष्टापद, वीर, वासुपूज्य सीमंधर, पद्मप्रभ, अभिनन्दन, शीतल, ऋषभ, ११, पार्श्व ६, शान्ति, २ नेमि २, चन्द्रप्रभ १, अजित १, सुविधि १, मल्लि १, आदि ३४ देवालयों में ५४ मूल नायक।
क्रमांक ८ पर निर्दिष्ट तीर्थयात्रा स्तव पद्य ४१ की संस्कृत कृति में भा तीर्थंकरों के क्रम से तीर्थों के नाम एवं सक्षिप्त विवरण प्राप्त हैं । उपर्युक्त अपभ्रंश भाषा को तीर्थमाला स्तवन से संस्कृत में निबद्ध तीर्थयात्रा स्तव में निम्नोक्त तीर्थों के नाम अधिक प्राप्त होते हैं ।
कुंकण-सोपारक जीवितस्वामो, खिसरंडो (लघु शत्रुजय), वोणाग्राम, संजातनगर, प्राशापल्ला-उदयनविहारे ऋषभ, तिलंगदेश-पुरिमुमिला, प्रल्हादनपुर, पारासण-पादोश्वर, नेमि, पाव, वोर, कासहृद, नवसारो-अजित, पावं, दशपुर-सुपार्श्व, मुरमिपुर (कर्णाटक), संजोतपुर-सुविधि, विद्युतपुर-वासुपूज्य, नद्यालंदपुर (कर्णाटक) शान्तिनाथ, देवगिरि-मल्लि, पार्श्व, वीर (पृथ्वीधर-पेथड़ कारित), प्रति
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