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भविस्सयत्तकन्वं
तम्हा जह तह जुज्जइ विहवस्सुप्पायणं इहं लोए। विहवरहियाण जेणं सव्वो वि परम्मुहो होइ ॥१४।। कमलसिरी सिरितुल्ला तस्स य सेट्ठिस्स वल्लहा भज्जा। अणुदियहं पइभत्ता अणुकूला सव्वकज्जेसु ।।१५।। सा चेव हवइ भज्जा पइइटें जा करेइ अणुदियहं । इयर। चंडसहावा घरिणारूवेण वइरिणिया ।।१६।। घरिणीकुसलत्तेणं सोहं पावेइ इह जणे पुरओ।। अइकुसलो वि हु जेणं पुरिसो किं हिंडियं लोए ॥१७।। विसयसुहं सेवंति कमलसिरी अह कमेण संजाया। गब्भवई सुहसुविणा वहमाणी हिययआणंदं ।।१८।। कुलया कंतसरूवा विहवजुया बल्लहा य नियपइणो। गब्भविहणा नारी अकयत्थं मुणइ अप्पाणं ।।१९।। जह जह वड्ढइ गब्भो तह तह तीए वि वड्ढए अंअ । अहवा उदरपवड्ढी जणणीए कुणइ वटै (डढं) त्तं ।।२०।। दोहलए पडिपुण्णे कालेण तीए दारओ जाओ। नयण-मणाणंदयरो जणणीए तह य लोयाणं ।।२१।। बालचरियाइँ दह्र अन्नाण वि होइ नेहसंबंधो। जणणीए पुणो नेहं जणणि च्चिय जाणए तणए ।।२२।। पिउ-माईसु नेहो नासइ इत्थीण तेत्तिओ नियमा। तणयाणं जम्मेणं वत्थूण सहावओ एत्थं ॥२३।। वित्त वद्धावणए दिन्ने दाणम्मि विविहलोयाणं । कालेण कयं नामं भविस्सदत्तो त्ति पियरेहि ॥२४॥ अट्रवरिसोय तो सो उवणीओ उज्झयाण पढणत्थं। अचिरेणमधीयाओ विज्जाओ तेण सव्वाओ ॥२५॥ जिणधम्मस्स वि तत्त विन्नायं तेण विणयपउणेणं । लोयस्स वि ववहारो तेण जओ एत्थ निव्वाहो ॥२६॥ मुत्त जणववहारं तत्तचिय जो करेइ निरवेक्खो । सो वज्जिज्जइ लोए धम्मस्स य हीलणं होड ॥२७॥ संजमजुत्तो वि जई हीलावंतो जिणस्स मग्ग तु । मिच्छादिट्ठिजणाओ हीणयरो सो इहं नेओ॥२८॥
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