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प्राकृत भारती
ध्यान अधिक आकर्षित किया है। अतिमुक्त कुमार की कथा बालकथा की उत्सुकता को लिए हुए है। इन कथाओं के साथ राजकीय परिवारों के व्यक्तियों का सम्बन्ध जुड़ा हुआ है । साधना के अनुभवों का साधारणीकरण करने में ये कथाएँ कुछ सफल हुई हैं। ___ अनुत्तरोपपातिकदशा-इस ग्रन्थ में उन लोगों की कथाएँ हैं, जिन्होंने तप-साधना के द्वारा अनुत्तर विमानों (देवलोकों) की प्राप्ति की है। कुल ३३ कथाएँ हैं, जिनमें से २३ कथाएँ राजकुमारों की हैं, १० कथाएँ इसमें सामान्य पात्रों की हैं। इनमें धन्यकुपार सार्थवाह-पुत्र की कथा अधिक हृदयग्राही है।
विपाकसूत्र-विपाकसूत्र में कर्म-परिणामों की कथाएँ हैं। पहले स्कन्ध में बुरे कर्मों के दुखदायी परिणामों को प्रकट करने वाली दश कथाएँ हैं। मगापुत्र की कथा में कई अवान्तर कथाएँ गुंफित हैं। उद्देश्य की प्रधानता होने से कथातत्व अधिक विकसित नहीं है। किन्तु वर्णनों का आकर्षण बना हुआ है । अति-प्राकृत तत्त्वों का समावेश इन कथाओं को लोक से जोड़ता है। व्यापारी, कसाई, पुरोहित, कोतवाल, वैद्य, धीवर, रसोइया, वेश्या आदि से सम्बन्ध होने से इन प्राकृत कथाओं में लोकतत्त्वों का समावेश अधिक हुआ है। दूसरे स्कन्ध की कथाएँ अच्छे कर्मों के परिणामों को बताने वाली हैं। सुबाह की कथा विस्तृत है । अन्य कथाओं में प्रायः वर्णक हैं । इस ग्रन्थ की कथाएँ कथोपकथन की दृष्टि से अधिक समृद्ध हैं । उनकी इस शैली ने परिवर्ती कथा साहित्य को भी प्रभावित किया है। हिंसा, चोरी, मथुन के दुष्परिणामों को तो ये कथाएँ व्यक्त करती हैं। किन्तु इनमें असत्य एवं परिग्रह के परिणामों को प्रकट करने वाली कथाएं नहीं हैं। सम्भवतः इस ग्रन्थ की कुछ कथाएँ लुप्त भी हुई हों। क्योंकि नन्दी
और समवायांग में विपाकसूत्र की जो कथावस्तु वर्णित है, उसमें असत्य एवं परिग्रह के दुष्परिणामों की कथाएँ होने के उल्लेख हैं। ___औपपातिक एवं रायप्रश्नीय-औपपातिकसूत्र में भगवान् महावीर की विशेष उपदेश-विधि का निरूपण है। गौतम इन्द्रभूति के प्रश्नों और महावीर के उतरों में जो संवादतत्व विकसित हुआ है, वह कई कथाओं के लिए आधार प्रदान करता है। नगर-वर्णन, शरीर-वर्णन आदि में अलंकारिक भाषा व शैली का प्रयोग इस ग्रन्थ में है। राजप्रश्नीयसूत्र में राजा प्रदेशी और केशों श्रमण के बीच हुआ संवाद विशेष महत्त्व का है। इसमें कई कथासूत्र विद्यमान हैं। इस प्रसंग में धातु के व्यापारियों की कथा मनोरंजक है। उसे लोक से उठाकर प्रस्तुत किया गया है।
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