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तुट्टा पुच्छति । तेसिं जहावत्त सव्वं कहइ । एवं कहिए तेहि उत्तर सिक्खाविनो-जहा-'तुम खुडुलम मोयगं नगरदारे ठावेत्ता भरण-'एस. मोदगो सायं न निस्सरइ नमरदारेण, गिव्ह ति ।' लयो जिलो धुत्तो ।
अभ्यास 1. शब्दार्थ:
उस = ककड़ी निफिड = निकलना लाहे = लब प्रभुवमए= स्वीकार अबरोता = तोड़कर अग्धव = बेचना खतिए = खाये हुए प्रच्चइयो = नहीं छोड़ा गया भरण = कहो
खुड्डलमं = छोटा ठावेसा = रखकर गिण्ह = ग्रहण करो 2. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
सही उत्तर का क्रमांक कोष्ठक में लिखिए : 1. ग्रामीण माडीवान को संकट में डाल दिया -. (क) नगर-रक्षक ने (ख) चुगी वसूल करने वाले ने जा ने
(घ) चालाक धूर्त ने
3. लघुत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न का उत्तर एक वाक्य में लिखिए : 1. धूर्त ने गाड़ीवान् से क्या शर्त लगाई ? 2. धूर्त ने माड़ी की पूरी ककड़ियां कैसे खा लीं ?
3. गाडीवान् ने धूर्त की शर्स कैसे पूरी की ? 4. निबन्धात्मक प्रश्न :
(क) इस पाठ की शिक्षा अपने शब्दों में लिखो । (ख) 'जैसे के साथ तैसा' विषय पर कोई अन्य उदाहरण लिखो।
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* दशवकालिक चूरिंग, रतलाम, 1933, प्राकृत साहित्य का इतिहास (डा. जैन)
पू. 258 से उद्धत ।
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प्राकृत गद्य-सोपान
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