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14. उदाहरण-वाक्य
[पंचमी विभक्ति]
बालो अस्सत्तो पडइ कमलत्तो वारिं पडइ मुक्खो निवत्तो बोहइ कवित्तो कव्वं उप्पन्नइ कोहत्तो मोहो जायइ रामो कलहत्तो बोहइ जरणो सिसुत्तो विरमइ मालत्तो सुयंधो मायइ सो पावत्तो दुगुच्छ सीसो सात्तो पढइ
बालक घोड़े से गिरता है। कमल से पानी गिरता है। मूर्ख राजा से डरता है। कवि से काव्य उत्पन्न होता। क्रोध से मोह होता है। राम झगड़े से डरता है। पिता बच्चे से दूर होता है। माला से सुगन्ध आती है। वह पाप से घृणा करता है। शिष्य साधु से पढ़ता है।
अभ्यास
(क) प्राकृत में अनुवाद करो :
बच्चा माता से डरता है । पेड़ से पत्ता गिरता है। मुर्ख कवि से घृणा करता है। कमल से सुगन्ध आती है। झगड़े से क्रोध होता है। सांप से भय होता है। वह नगर से दूर जाता है । पुत्र पिता से पढ़ता है। बीज से अंकुर होता है। धन से ज्ञान अच्छा है।
(ख) नियम याद करें एवं उदाहरण शिक्षक से समझे :
1- अलग होने के अर्थ में और गिरने के अर्थ में पंचमी होती है। 2- भय और रक्षा की अर्थ वाली क्रियाओं के साथ पंचमी होती है । 3- उत्पन्न होने और आने के अर्थ में पंचमी होती है। 4- घृणा एवं विराम लेने के अर्थ में पंचमी होती है । 5- जिससे विद्या पढ़ी जाय उसमें पंचमी विभक्ति होती हैं। 6- जिससे तुलना की जाय उसमें पंचमी विभक्ति होती है । जैसे :
दुज्जणतो सज्जणो सेठो।
प्राकृत गद्य-सोपान
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