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________________ पुरुष मुल किया भरण काल वर्तमान वचन ए०व० अ०पू० क्रियारूप भगइ कडढन्ति भुजेह .... .. " आज्ञार्थ पियह प्रत्यय कृदन्त दिन निसुरिणउ मूल क्रिया अनियमित निसुण अर्थ पहिचान दे दिया गया भूतकाल सुनकर सम्बन्ध आवाज करते हुए वर्तमान परोसकर सं०१० इ+उ न्त इ+य परिवेसिय परिवेस ३. वस्तुनिष्ठ प्रश्न : सही उत्तर का क्रमांक कोष्ठक में लिखिए : १. श्रेणिककुमार ने जलते हुए घर में से निकाला - (क) रथ को (ख) हाथी को (ग) शस्त्र को (घ) भिभसार जयढक्का को २, खीर खाते समय कुमारों के पास राजा ने - (क) सैनिकों को भेजा (ख) कुत्तों के झुण्ड को बुलवाया (ग) और भोजन भिजवाया (घ) नौकरों को भेजा [ ] ४. लघुत्तरात्मक प्रश्न : प्रश्न का उत्तर एक वाक्य में लिखिए: १. कुत्तों के आक्रमण पर श्रेणिक ने क्या किया? २. श्रेणिक ने लड्डू कैसे खाये ? ३. राजा ने राज्याभिषेक के लिए श्रेणिक को क्यों चुना? ५. निबन्धात्मक प्रश्न एवं विशदीकरण : (क) राजकुमारों की परीक्षाओं का वर्णन ८-१० पंक्तियों में कीजिए। (ख) इस पाठ की शिक्षा अपने शब्दों में लिखिए। (ग) गाथा नं०८ अथवा ११ का अर्थ समझाकर लिखिए । प्राकृत काव्य-मंजरी Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003806
Book TitlePrakrit Kavya Manjari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1982
Total Pages204
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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