________________
अभ्यास
१. शब्दार्थ :
सन्निवेस = नगर पास = किनारा सच्चवियं देखा गया बच्छ = पुत्र पोसं = द्वेष (वैर)
लट्ट = धन पच्चय - विश्वास थेरी = वृद्धा उज्जुन= सरल जोग्गया= योग्यता
प्ररन्न = जंगल अभिउत्ता= इच्छुक पउत्ति = जानकारी विसायं = दुख कुण = करना
ए.व.
विभक्ति सप्तमी
लिग सर्व० नपु.
क
ए.व.
........
........
२. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : शब्दरूप
मूल शब्द कम्मि सुत्ताई
............ पिउणा छायाए गिहे मट्टीए
....
....
............
........
......
.
....
........
विच्छेद निमित्रां+इमे """"+ ...." ... ..."+""
संधिकार्य अनुस्वार को म
संधिवाक्य निमित्तमिमे परमिमो नवरमेगस्स कट्ठाणमारणणत्थं भणियमेसा तप्पच्चयत्थं
+
+
+
+
......... तत् + पच्चयत्थं समान वर्ण परिवर्तन
(ग) समासपद
सुयसिणेह
विग्रह सुयस्स+सिणेह
समासनाम षष्ठी तत्पुरुष
प्राकृत काव्य-मंजरी
Jain Educationa international
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org