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अभ्यास १. शब्दार्थ :
तरण प्र = पुत्र रोस = क्रोध थेग्र = क्षणिक सुत्थ = सुखी दुत्थ = दुखी पया = प्रजा मंडल = राज्य रामप्रच्छर = राग-द्वेष, ईर्ष्या दोण्ह = भेदभाव दिअवर= सज्जन पउर = नागरिक अब्भहिनं = अधिक थुइ = स्तुति गोहण= गोधन
पण्ण = पत्ता पयइ = सामान्य ज्ञान विड्डी= वृद्धि २. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : (क) शब्दरूप भूलशब्द विभक्ति
वचन गुणेहिं जस्स मंडले पउराणं पणईण गिरिम्मि
लिंग
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re.
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मेत्ती विसमे
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संधिकायं
विच्छेद ...'+' ..
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संधिवाक्य रिणज्जमलज्ज पीलुप्पल समासपद गायवज्जिजं धरणनिवहं गुणथुई दलगन्धा
विग्रह
समासनाम
गायेरण+वज्जिजं
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प्राकृत काव्य-मंजरी
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