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________________ (घ) क्रियारूप मूल क्रिया पुरुष काल इच्छा वचन ए०व० होउ अ.पु. जुज्झन्ति मुयइ करेन्ति ........... अर्थ प्रत्यय कृदन्त रूप विरिणग्गओ सोउं . I पहिचान निकला भू०० सुनकर सं०कृ० नाचते हुए व०कृ० जीत लिया गया भू०० मूलक्रिया अनियमित सुअ नच्च अनियमित नच्चन्त निज्जिओ | 4 . वस्तुनिष्ठ प्रश्न : का क्रमांक कोष्ठक में लिखिए: १. बाहुबली रहता था - (क) उज्जैनी में (ख) अयोध्या में (ग) तक्षशिला में (घ) भरत के साथ २. भरत ने बाहुबली के वध के लिए छोड़ा - (क) बाण (ख) पागल हाथी (ग) चक्ररत्न (घ) भाला [ ] ४. लघुत्तरात्मक प्रश्न : . प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए : १. भरत और बाहुबली में युद्ध क्यों हुआ ? २. सैनिकों के वध को बचाने के लिए बाहुबली ने क्या प्रस्ताव रखा? ३. युद्ध के अन्त में बाहुबली ने क्या विचार व्यक्त किये ? ५. निबन्धात्मक प्रश्न एवं विशदीकरण : (क) भरत और बाहुबली की कथा अपने शब्दों में लिखिए। (ख) गाथा नं० ६, १२ एवं १३ का अर्थ समझाकर लिखिए। प्राकृत काव्य-मंजरी Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003806
Book TitlePrakrit Kavya Manjari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1982
Total Pages204
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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