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________________ मूलक्रिया नयंस काल वर्तमान अ०पू० ब०व० (घ) क्रियारूप नमंसन्ति जाणसु वज्जयन्ति संभव खमन्तु खम्मामि ........ .. .... .. ........ . ... ...... ........ ... Tws....... अर्थ मूलक्रिया प्रत्यय पहिचान जानकर करना चाहिए विधि .....000 जागि कायव्वा ३. वस्तुनिष्ठ प्रश्न : सही उत्तर का क्रमांक कोष्ठक में लिखिए : १. पीडादायक प्राणवध का त्याग करते हैं - (क) प्रमादी लोग (ख) मांसाहारी लोग (ग) संयत व्यक्ति (घ) शिकारी २. सभी व्रतों का सार और सभी गुणों का समूह है - (क) तप (ख) पूजा (ग) स्वाध्याय (घ) अहिंसा -- ४. लघुत्तरात्मक प्रश्न : प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए : १. देव भी किस को नमस्कार करते हैं ? २. जीवलोक में किसको भय उत्पन्न नहीं होता है ! ३. क्षमा से रहित अन्य गुण किसकी तरह हैं ? ५. निबन्धात्मक प्रश्न एवं विशदीकरण : (क) अहिंसा के सम्बन्ध में ५-७ पंक्तियाँ लिखिए। (ख) अभय और क्षमा का महत्त्व लिखिए । (ग) गाथा नं० ४, ७ एवं १२ का अर्थ समझाकर लिखिए । प्राकृत काव्य-मंजरी Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003806
Book TitlePrakrit Kavya Manjari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1982
Total Pages204
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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