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________________ पृष्ठ विषय ३९२ ...उपमानस्य स्वरूपं प्रमाणान्तरत्वं च नैयायिकमतेन ३९२ ...नैयायिकमत में उपमान स्वतन्त्र प्रमाण ३९३ ... अनुमान में उपमान अन्तर्भावनिषेध ३९५ ...अर्थापत्तिः स्वतन्त्रप्रमाणम्-मीमांसकः ३९५ ... अर्थापत्ति मीमांसकमत में स्वतन्त्र प्रमाण ३९६ ... विविध अर्थापत्तियों के विविध साध्यों की स्पष्टता ३९७... मीमांसामतानुसार अभावप्रमाण निर्देश ३९८ ... अनुमान अभावोपलब्धि अशक्य ३९९ ... अभाव के प्रागभावादि ४ प्रकार ४०० ... स्व-पर रूप से वस्तुमात्र सद्-असद् उभयरूप ४०१... बौद्धमतेन शाब्दादिसमीक्षया मीमांस कादिप्रतिक्षेपः — ४०१... शब्द प्रमाणान्तरनिषेध - बौद्धमत ४०१... शब्द में अर्थनिरूपणयोग्यता का निषेध ४०२ ... उपमान अपूर्वार्थबोधक न होने से अप्रमाण बौद्ध ४०२ ... सादृश्यज्ञान की क्रमबद्धता का निरूपण ४०३ ... पूर्वकालीन गोप्रत्यक्ष से गवयसादृश्यग्रहण की उपपत्ति ४०४... वैसदृश्य में सप्तमप्रमाणत्वापत्ति ४०५ ... उपमानविषयनैयायिकमतसमीक्षा - बौद्ध: ४०५ ... उपमान प्रमाणान्तरवादीनैयायिकमत का निरसन ४०६ ... गवय विशेष में गवयशब्दवाच्यता गृहीत है ४०६ ... व्यवहारकालीन व्यक्ति में संज्ञासंज्ञीभाव का ग्रहण अशक्य ४०७ ... संज्ञा-संज्ञीसंबन्धज्ञान उपमानफल नैयायिकतर्क ४०८ . गवयशब्दवाच्यता स्मृतिरूप है - बौद्धनिष्कर्ष ४०९ ... बौद्धकृता अर्थापत्तिलक्षणसमालोचना ४०९ ...सम्बन्धमूलकअर्थापत्ति अनुमानरूप बौद्ध ४१० ... अनुमानलक्षण से अर्थापत्तिलक्षण अपृथग् ४१० ... प्रत्यक्षपूर्विका अर्थापत्ति का विषय शक्ति क्या है ? Jain Educationa International विषय निर्देश पृष्ठ ४११ ... प्रत्यक्षादिपूर्वक अर्थापत्ति अनुमानरूप तथा शब्दनित्यत्वनिषेध - - - विषय २१ ४१२ ... उपमानपूर्वक - अभाव - श्रुतार्थापत्तित्रयसमालोचना ४१२ ... उपमानपूर्वक आदि अर्थापत्तियों की समीक्षा का निष्कर्ष ४१३ ... अभावप्रमाण के प्रथम प्रकार की समालोचना ४१४... अभावप्रमाण के दूसरे प्रकार का निरसन - बौद्ध ४१५ ... अभावप्रमाण के तीसरे प्रकार की समीक्षा - बौद्ध | ४१६... मीमांसकप्रथित अभाव चतुर्विधता का निरसन ४१७... भावों का भेद अभावांशाधीन नहीं, स्वतः है बौद्ध ४१८ ... कार्याभाव कारणाभाव स्वतः व्यावृत्त न मानने पर अनवस्था ४१८ ... अभाव की वस्तुरूपता की उपपत्ति का सही तरीका ४१९ ... वस्तुरूपता साधक प्रमेयत्व हेतु तुच्छ अभाव में साध्यद्रोही ४२०... मीमांसककथित उद्भवाभिभवव्यवस्था का निरसन ४२०... असदर्थग्राही होने से प्रत्यभिज्ञान भ्रान्तिरूप ४२१...नैयायिक कथित अभावप्रत्यक्षप्रक्रिया की For Personal and Private Use Only समालोचना ४२२... अभाव में संयुक्तविशेषणता की अनुपपत्ति ४२३ ... यहाँ घट का अभाव है - इस प्रत्यक्ष में आनन्तर्य क्यों ? ४२४ ... सैद्धान्तिक जैनमतेन त्रिलक्षणहेतुपरीक्षा ४२४... सैद्धान्तिकजैनमतानुसार प्रत्यक्षपरोक्षप्रमाणद्वयस्थापनान्तर्गतत्रिलक्षणहेतुवादी बौद्धमतपरीक्षा ४२५... अभावव्यवहार के लिये शशशृंग दृष्टान्त बारे में शंका ४२५... अभावप्रत्यक्ष से ही अभावव्यवहार सिद्धि समाधान www.jainelibrary.org.
SR No.003804
Book TitleSanmati Tark Prakaran Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAbhaydevsuri
PublisherDivya Darshan Trust
Publication Year2010
Total Pages534
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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