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नवजोयणविच्छिण्णा धणवइमति - निम्मया चामीकरपागारा नानामणिपंच वण्णकविसीसगपरिमंडियाभिरामा अलकापुरीसंकासा पमुइयपक्कीलिया पच्चक्खं देवलोगभूया रिद्धत्थिमिय-समिद्धा पमुइय जण जाणवा पडिरुवा |
[५५] तत्थ णं विणीयाए रायहाणीए भरहे नामं राया चाउरंतचक्कवट्टी समुप्पज्जित्थामहयाहिमवंत-महंत-मलय-मंदर-महिंदसारे जाव रज्जं पसासेमाणे विहरइ बिइओ गमो रायवण्णगस्स इमोतत्थ असंखेज्जकालवासंतरेणं उपज्जए जसंसी उत्तमे अभिजाए सत्त-वीरियपरक्कमगुणे पसत्थवण्ण-सरसार-संघयण-बुद्धि-धारण-मेहा- संठाण - सीलप्पगई पहागणारवच्छायागइए अणेगवयणप्पहाणे तेय-आउ-बलवीरियजुत्ते अझुसिरधणणिचियलोहसंकल-नारायवइडसहसंघयणदेहधारी झस-जुग- - भिंगार- वद्धमाणगभद्दासण-संख-छत्त-वीयणि-पडागचक्कणंगल-मुसल-रह-सोत्थिय - अंकुस -चंदाइच्च-अग्गि-जूव-सागर - इंदज्जइपुहवि-प -पम-कुंजर-सीहा-सण-दंड-कुम्भ- गिरिवर- सुरग-वर-मउड-कुंडल- नंदावत्त-धणु-कोंत-गागर-भवण-विमालनेगल-क्खणपसत्थसुविभत्तचित्त-करचरणदेसभागे उड्ढमुहलोमजात-सुकुमाल - णिद्धमउयावत्त-पसत्थलोमविरइयसिरिवच्छ-च्छण्णविउलवच्छे देसखेत्तसुविभत्तदेहधारी तरुणवरिरस्सिबोहिय-वर-कमलवि
वक्खारो-३
बुद्धगब्भवण्णे हयपोसण-कोससण्णिभ पसत्थपिट्ठतणिरुवलेवे पउ-मुप्पल-कुंद - जाइ - जूहिय-वरचंपग - नागपुप्फसारंग-तुल्लंधी-छत्तीसाहियपसत्थपत्थिवगुणेहिं जुत्ते अव्वोच्छिण्णातपत्ते पागड उभयजोणी विसुद्धणियगकुलगयणपुन्नचंदे चंदे इव सोमयाए नयणमणणिव्वुईकरे अक्खोभे सागरोव्वथिमिए धणवइव्व भोगसमुदयसद्दव्वयाए समरे अपराइए परमविक्कमगुणे अमरवइसमाणसरिसरूवे मणुयवई भरहचक्कवट्टी भरहं भुंजइ पन्नट्ठसत्तू ।
[५६] तए णं तस्स भरहस्स रण्णो अण्णया कयाइ आउहघरसालाए दिव्वे चक्करयणे समुप्पज्जित्था तए णं से आउहघरिए भरहस्स रण्णो आउहघरसालाए दिव्वं चक्करयणं समुप्पन्नं पासाइ पासित्ता हट्ठतुट्ठ-चित्तमाणंदिए नंदए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए जेणामेव से दिव्वे चक्करयणे तेणामेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता तिक्खुत्तो आयाहिण-पयाहिणं करेइ करेत्ता करयल जाव कट्टु चक्करयणस्स पणामं करेइ करेत्ता आउघरसालाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता जेणावमेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणामेव भरहे राया तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता करयल जाव कट्टु जणं विजएणं वद्धावेइ वद्धावेत्ता एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पियाणं आउहघरसालाए दिव्वे चक्करयणे समुप्पन्ने तं एयण्णं देवाणुप्पियाणं पियट्ठायाए पियं निवेदेमो पियं भे भवउ तते णं से भरहे राया त आउहघरियस्स अंतिए एयमट्ठे सोच्चा निसम्मं हट्ठ जाव वियसियवरकमलनयणवयणे पयलियवरकडग तुडियरकेऊर-मउड-कुंडल-हारविरायं-तरइयवच्छे पालंबपलंबमाणघोलंतभूसणधरे ससंभमं तुरियं चवलं नरिंदे सीहासणाओ अब्भुट्ठेइ अब्भुट्टेत्ता पायपीढाओ पच्चरुहइ पच्चोरुहित्ता पाउयाओ ओमुयइ ओमुइत्ता एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ करेत्ता अंजलिमउलियग्गहत्थे चक्करयणाभिमुहे सत्तट्ठपयाइं अणुगच्छइ अणुगच्छित्ता वामं जाणुं अंचेइ अंचेत्ता दाहिणं जाणुं धरणितलंसि निहट्टु करयल - [परिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए] अंजलिं कट्टु चक्करयणस्स पणामं करेइ करेत्ता तस्स आउहघरियस्स अहामालियं मउडवज्जं ओमोयं दलयइ दलइत्ता विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयइ दलइत्ता सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता पडिविसज्जेइ पडिविसज्जेत्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सण्णिसण्णे तए णं से भर गया [दीपरत्नसागर संशोधितः ]
[१८-जंबूद्दीवपन्नत्ति]
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