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बाहिरा मंडलवता बाहिराए वा मंडलवताए अब्भिंतरा मंडलवता एस णं अद्धा केवतियं आहितेति वएज्जा ता पंचदसुत्तरे जोयणसए आहितेति वएज्जा।
मुनि दीपरत्नसागरेण संशोधितः सम्पादित्तश्च पढमं पाहुडं समत्तं o बीयं पाहुडं 0 [] पढमं पाहुडपाहुडं []
[३५] ता कहं ते तिरिच्छगती आहिताति वएज्जा तत्थ खलु इमाओ अट्ठ पडिवत्तीओ पन्नत्ताओ तत्थ एगे एवमाहंसु-ता पुरत्थिमाओ लोयंताओ पादो मिरीची आगासंसि उत्तिट्ठइ से णं इमं पाहुडं-२, पाहुडपाहुडं-१
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तिरियं लोयं तिरियं करेइ करेत्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतंसि सायं मिरीयं आगासंसि विद्धंसइ- एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरत्थिमाओ लोयंताओ पादो सूरिए आगासंसि उत्तिट्ठइ से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करे करेत्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतंसि सायं सूरिए आगासंसि विद्धंसइ - एगे पुण एवमाहंसुता पुरत्थिमाओ लोयंताओ पादो सूरिए आगासंसि उत्तिट्ठइ से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करेत्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतंसि सायं सूरिए आगासं अनुपविसइ अनुपविसित्ता अहे पडियागच्छइ पडियागच्छित्ता पुनरवि अवरभूपुरत्थिमाओ लोयंताओ पादो सूरिए आगासंसि उत्ति - एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरत्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए पुढविकायंसि उत्तिट्ठइ से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करेत्ता पच्चत्थिमिल्लसि लोयंतंसि सायं सूरिए पुढविकायंसि विद्धंसइ - एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरत्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए पुढविकायंसि उत्तिट्ठइ से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करेत्ता पच्चत्थिमिल्लंसि लोयंतंसि सायं सूरिए पुढविकायंसि विद्धंसइ - एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरत्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए पुढविकास उत्तिट्ठइ से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करेत्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतंसि सायं सूरिए पुढविकास अनुपविसइ अनुपविसित्ता अहे पडियागच्छइ पडियागच्छित्ता पुनरवि अवरभूपुरत्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए पुढविकायंसि उत्ति - एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरत्थिमिल्लाओ लोयंताओ पाओ सूरिए आउकासि उत्तिट्ठइ से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करेत्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतंसि पाओ सूरिए आउकासि विद्धंसइएगे पुण एवमाहंसु-ता पुरत्थिमाओ लोगंताओ पाओ सूरिए आउकायंसि उत्तिट्ठइ से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करेत्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतंसि सायं सूरिए आउकायंसि अनुपविसइ अनुपविसित्ता अ पडियागच्छइ पडियागच्छित्ता पुनरविअवरभूपुरत्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए आउकायंसि उत्तिट्ठइ-एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरत्थिमाओ लोयंताओ बहूइं जोयणाइं बहूइं जोयणसयाइं बहूइं जोयणसहस्साइं उड्ढं दूरं उप्पइत्ता एत्थ णं पाओ सूरिए आगासंसि उत्तिट्ठइ से णं इमं दाहिणड्ढं लोयं तिरियं करेइ करेत्ता उत्तरड्ढलोयं तमेव राओ से णं इमं उत्तरड्ढलोयं तिरियं करेइ करेत्ता दाहिणड्ढलोयं तमेव राओ से णं इमाइं दाहिणुत्तरड्ढ-लोयाइं तिरियं करेइ करेत्ता पुरत्थिमाओ लोयंताओ बहूइं जोयणाइं बहूइं जोयणसयाइं बहूइं जोयणसहस्साइं उड्ढं दूरं उप्पइत्ता एत्थ णं पाओ सूरिए आगासंसि उत्तट्ठिइ-वयं पुण एवं वयामो-ता जंबुद्दीवस्स दीवस्स पाईणव- डीणायताए उदीणदाहिणायताए जीवाए मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दाहिणपुरत्थिमंसि उत्तरपच्चत्थिमंसि य चउब्भागमंडलंसि इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ अट्ठ जोयणसयाई उड्ढं उप्पइत्ता एत्थ णं पाओ दुवे सूरिया उत्तिट्ठेति ते णं इमाई दाहिणुत्तराइं जंबुद्दीवभागाइं तिरियं करेंति करेत्ता पुरत्थिमपच्चत्थिमाई जंबुद्दीवभागाई तामेव राओ ते णं [दीपरत्नसागर संशोधितः ]
[१७-चंदपन्नत्ति]
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