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________________ सतं-३०, वग्गो- ,सत्तंसत्तं- , उद्देसो-१ मिच्छद्दिट्ठी जहा कण्हपक्खिया। सम्मामिच्छद्दिट्ठी ण एक्कं पि पकरेंति जहेव नेरतिया। नाणी जाव ओहिनाणी जहा सम्मद्दिट्ठी। अन्नाणी जाव विभंगनाणी जहा कण्हपक्खिया। सेसा जाव अणागारोवठत्ता सव्वे जहा सलेस्सा तहेव भाणियव्वा। जहा पंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं वत्तव्वया भणिया एवं मणुस्साण वि भाणियव्वा, नवरं मणपज्जवनाणी नोसन्नोवत्ता य जहा सम्मद्दिट्ठी तिरिक्खजोणिया तहेव भाणियव्वा। अलेस्सा, केवलनाणी, अवेदका, अकसायी, अजोगी य, एए न एगं पि आउयं पकारेंति जहा ओहिया जीवा, सेसं तहेव।। वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिया जहा असुरकुमारा। किरियावादी णं भंते! जीवा किं भवसिद्धीया, अभवसिद्धीया? गोयमा! भवसिद्धीया नो, अभवसिद्धीया। अकिरियावादी णं भंते! जीवा किं भवसिद्धीया0 पुच्छा। गोयमा! भवसिद्धीया वि, अभवसिद्धीया वि। एवं अन्नाणियवादी वि, वेणइयवादी वि। सलेस्सा णं भंते! जीवा किरियावादी किं भव0 पुच्छा। गोयमा! भवसिद्धीया, नो अभवसिद्धीया। सलेस्सा णं भंते! जीवा अकिरियावादी किं भव0 पुच्छा। गोयमा! भवसिद्धीया वि, अभवसिद्धीया वि। एवं अन्नाणियवादी वि, वेणइयवादी वि, जहा सलेस्सा। एवं जाव सुक्कलेस्सा। अलेस्सा णं भंते! जीवा किरियावादी किं भव0 पुच्छा। गोयमा! भवसिद्धीया, नो अभवसिद्धीया। एवं एएणं अभिलावेणं कण्हपक्खिया तिसु वि समोसरणेसु भयणाए। सुक्कपक्खिया चतुसु वि समोसरणेसु भवसिद्धीया, नो अभवसिद्धीया। सम्मदिट्ठी जहा अलेस्सा। मिच्छद्दिट्ठी जहा कण्हपक्खिया। सम्मामिच्छद्दिट्ठी दोसु वि समोसरणेसु जहा अलेस्सा। नाणी जाव केवलनाणी भवसिद्धीया, नो अभवसिद्धीया। अन्नाणी जाव विभंगनाणी जहा कण्हपक्खिया। सण्णासु चठसु वि जहा सलेस्सा। नोसण्णोवठत्ता जहा सम्मद्दिट्ठी। सवेयगा जाव नपुंसगवेयगा जहा सलेस्सा। अवेयगा जहा सम्मद्दिट्ठी। [दीपरत्नसागर संशोधितः] [517] [५-भगवई
SR No.003709
Book TitleAgam 05 Bhagavai Panchamam Angsuttam Mulam PDF File
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages565
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size5 MB
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