________________
सतं-२५, वग्गो- ,सत्तंसत्तं- , उद्देसो-४
राणा
बेंदियाणं जहा नेरतियाणं। एवं जाव वेमाणियाणं। सिद्धाणं जहा वणस्सतिकाइयाणं।
कतिविधा णं भंते! सव्वदव्वा पन्नता! गोयमा! छव्विहा सव्वदव्वा पन्नता, तं जहा-- धम्मत्थिकाये अधम्मत्थिकाये जाव अद्धासमये।
धम्मत्थिकाये णं भंते! दव्वट्ठयाए किं कडजुम्मे जाव कलियोगे? गोयमा! नो कडजुम्मे, नो तेयोए, नो दावरजम्मे, कलियोए।
एवं अधम्मत्तिकाये वि। एवं आगासत्थिकाये वि। जीवत्थिकाए णं0 पुच्छा। गोयमा! कडजुम्मे, नो तेयोए, नो दावरजुम्मे, नो कलियोए। पोग्गलत्थिकाये णं भंते!0 पुच्छा। गोयमा! सिय कडजुम्मे, जाव सिय कलियोए। अद्धासमये जहा जीवत्थिकाये।
धम्मत्थिकाये णं भंते! पएसट्ठताए किं कडजुम्मे0 पुच्छा। गोयमा! कडजुम्मे, नो तेयोए, नो दावरजुम्मे, नो कलियोगे।
एवं जाव अद्धासमये।
एएसि णं भंते! धम्मत्थिकाय-अधम्मत्थिकाय जाव अद्धासमयाणं दव्वट्ठयाए0? एएसिं अप्पाबगं जहा बवत्तव्वयाए तहेव निरवसेसं।
धम्मत्थिकाये णं भंते! किं ओगाढे, अणोगाढे? गोयमा! ओगाढे, नो अणोगाढे।
जदि ओगाढे किं संखेज्जपएसोगाढे, असंखेज्जपएसोगाढे, अणंतपएसोगाढे? गोयमा! नो संखेज्जपएसोगाढे, असंखेज्जपएसोगाढे, नो अणंतपएसोगाढे।
जदि असंखेज्जपएसोगाढे किं कडजुम्मपदेसोगाढे0 पुच्छा। गोयमा! कडजुम्मपएसोगाढे, नो तेयोग, नो दावरजुम्म0, नो कलियोगपएसोगाढे।
एवं अधम्मत्थिकाये वि। एवं आगासत्थिकाये वि। जीवत्थिकाये पोग्गलत्थिकाये अद्धासमये एवं चेव। इमा णं भंते! रयणप्पभापुढवी किं ओगाढा, अणोगाढा? जहेव धम्मत्थिकाये। एवं जाव अहेसत्तमा। सोहम्मे एवं चेव। एवं जाव ईसिपब्भारा पुढवी।
[८८२]जीवे णं भंते! दव्वट्ठयाए किं कडजुम्मे पुच्छा। गोयमा! नो कडजुम्मे, नो तेयोए, नो दावरजुम्मे, कलियोए।
एवं नेरइए वि। एवं जाव सिद्धे। जीवा णं भंते ! दव्वट्ठयाए किं कडजुम्मा० पुच्छा। गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मा, नो
[दीपरत्नसागर संशोधितः]
[461]
[५-भगवई