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सतं-१७, वग्गो- ,सत्तंसत्तं- , उद्देसो-२
चेव उवसंपज्जित्ताणं विहरइ। संजया-संजये धम्माधम्मे ठिए धम्माधम्म उवसंपज्जित्ताणं विहरति, सेतेणढेणं जाव ठिए।
जीवा णं भंते! किं धम्मे ठिया, अधम्मे ठिया धम्माधम्मे ठिया? गोयमा! जीवा धम्मे वि ठिया, अधम्मे वि ठिया, धम्माधम्मे वि ठिया।
नेरतिया णं0 पुच्छा। गोयमा! णेरतिया नो धम्मे ठिया, अधम्मे ठिया, नो धम्माधम्मे ठिया।
एवं जाव चरिंदियाणं।
पंचिंदियतिरिक्खजोणिया णं0 पुच्छा। गोयमा! पंचिंदियतिरिक्खजोणिया नो धम्मे ठिया, अधम्मे ठिया, धम्माधम्मे वि ठिया।
मणुस्सा जहा जीवा। वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिया जहा नेरइया।
[७००] अन्नउत्थिया णं भंते! एवमाइक्खंति जाव परूवेंति-- एवं खलु समणा पंडिया, समणोवासया बालपंडिया; जस्स णं एगपाणाए वि दंडे अनिक्खिते से णं एगंतबाले ति वत्तव्वं सिया' से कहमेयं भंते! एवं? गोयमा! जं णं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्खंति जाव वत्तव्वं सिया, जे ते एवमाहंसु, मिच्छं ते एवमाहंसु। अहं पुण गोयमा! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि--एवं खलु समणा पंडिया; समणोवासगा बालपंडिया; जस्स णं एगपाणाए वि दंडे निक्खित्ते से णं नो एगंतबाले ति वत्तव्वं सिया।
जीवा णं भंते! किं बाला, पंडिया, बालपंडिया? गोयमा! जीवा बाला वि, पंडिया वि, बालपंडिया वि। नेरइया णं0 पुच्छा। गोयमा! नेरइया बाला, नो पंडिया, नो बालपंडिया। एवं जाव चरिंदियाणं। पंचिंदियतिरिक्ख0 पुच्छा। गोयमा! पंचिंदियतिरिक्खजोणिया बाला, नो पंडिया, बालपंडिया वि। मणुस्सा जहा जीवा। वाणमंतर-जोतिसिय-वेमाणिया जहा नेरतिया।
[७०१] अन्नउत्थिया णं भंते! एवमाइक्खंति जाव परूवेंति--"एवं खलु पाणाइवाए मुसावाए जाव मिच्छादसणसल्ले वामाणस्स अन्ने जीवे, अन्ने जीवाया। पाणातिवायवेरमणे जाव परिग्गहवेरमणे, कोहविवेगे जाव मिच्छादंसणसल्लविवेगे वा माणस्स अन्ने जीवे, अन्ने जीवाया। उप्पत्तियाए जाव पारिणामियाए वा माणस्स अन्ने जीवे, अन्ने जीवाया। उग्गहे ईहा-अवाये धारणाए वटामाणस्स जाव जीवाता। उट्ठाणे जाव परक्कमे वटा माणस्स जाव जीवाया। नेरइयत्ते तिरिक्खमणुस्स-देवत्ते वा माणस्स जाव जीवाया। नाणावरणिज्जे जाव अंतराइए व माणस्स जाव जीवाया। एवं कण्हलेस्साए जाव सुक्कलेस्साए, सम्मदिट्ठीए३। एवं चक्खुदंसणे४, आभिणिबोहियनाणे५, मतिअन्नाणे३, आहारसन्नाए ४। एवं ओरालियसरीरे५। एवं मणजोए३। सागारोवयोगे अणागारोवयोगे वा माणस्स अन्ने जीवे, अन्ने जीवाता" से कहमेयं भंते। एवं? गोयमा! जं णं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्खंति जाव मिच्छं ते एवमाहंसु। अहं पुण गोयमा! एवमाइक्खामि जाव परूवेमि-एवं खलु पाणातिवाए जाव मिच्छादसणसल्ले वटामाणस्स से चेव
[दीपरत्नसागर संशोधितः]
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[५-भगवई