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सतं-१४, वग्गो - ,सत्तंसत्तं- , उद्देसो-३
गोयमा! अणिठं जाव अमणाम।
एवं जाव अहेसत्तमापढविनेरइया। एवं वेदणापरिणाम।
एवं जहा जीवाभिगमे बितिए नेरइयउद्देसए, जाव अहेसत्तमापुढविनेरइया णं भंते! केरिसयं परिग्गहसण्णापरिणामं पच्चणुभवमाणा विहरंति? गोयमा! अणिठं जाव अमणाम। सेवं भंते! सेवं भंते! ति।
*चोहसमे सए तइओ उद्देसो समतो .
0 चउत्थो उद्देसो 0 [६०७] एस णं भंते! पोग्गले तीतमणंतं सासयं समयं समयं लुक्खी, समयं अलुक्खी, समयं लुक्खी वा अलुक्खी वा, पुट्विं च णं करणेणं अणेगवण्णं अणेगरूवं परिणामं परिणमइ, अह से परिणामे निज्जिण्णे भवति तओ पच्छा एगवण्णे एगरूवे सिया? हंता, गोयमा! एस णं पोग्गले तीत०, तं चेव जाव एगरूवे सिया।
एस णं भंते! पोग्गले पइप्पन्नं सासयं समयं0? एवं चेव। एवं अणागयमणंतं पि। एस णं भंते! खंधे तीतमणंतं0? एवं चेव खंधे वि जहा पोग्गले।
[६०८] एस णं भंते! जीवे तीतमणंतं सासयं समयं समयं दुक्खी, समयं अदुक्खी, समयं दुक्खी वा अदुक्खी वा? पुट्विं च णं करणेणं अणेगभावं अणेगभूतं परिणामं परिणमइ, अह से वेयणिज्जे निज्जिण्णे भवति ततो पच्छा एगभावे एगभूते सिया? हंता, गोयमा! एस णं जीवे जाव एगभूते सिया।
एवं पडुप्पन्नं सासयं समयं। एवं अणागयमणंतं सासयं समयं। [६०९] परमाणुपोग्गले णं भंते! किं सासए, असासए? गोयमा! सिय सासए, सिय असासए।
से केणढेणं भंते! एवं वुच्चइ 'सिय सासए, सिय असासए'? गोयमा! दव्वट्ठयाए सासए, वण्णपज्जवेहिं जाव फासपज्जवेहिं असासए। सेतेणढेणं जाव सिय असासए।
[८१०] परमाणुपोग्गले णं भंते! किं चरिमे, अचरिमे? गोयमा! दव्वादेसेणं नो चरिमे, अचरिमे; खेतादेसेणं सिय चरिमे, सिय अचरिमे; कालादेसेणं सिय चरिमे, सिय अचरिमे; भावादसेणं सिय चरिमे, सिय अचरिमे।
[६११] कतिविधे णं भंते! परिणामे पन्नते? गोयमा! दविहे परिणामे पन्नत्ते, तं जहाजीवपरिणामे य, अजीवपरिणामे य। एवं परिणामपदं निरवसेसं भाणियव्वं। सेवं भंते! सेवं भंते! ति जाव विहरति।
चोहसमे सए चरत्थो उहेसो समतो।
0 पंचमो उद्देसो 0 [६१२] नेरइए णं भंते! अगणिकायस्स मज्झंमज्झेणं वीतीवएज्जा? गोयमा! अत्थेगतिए वीतीवएज्जा, अत्थेगतिए नो वीतीवएज्जा।
[दीपरत्नसागर संशोधितः]
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[५-भगवई