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________________ सतं-१२, वग्गो- ,सत्तंसत्तं- , उद्देसो-१० कसायाया य नाणाया य परोप्परं दो वि भइयव्वाओ। जहा कसायाया य उवयोगाया य तहा कसायाया य दंसणाया य। कसायाया य चरित्ताया य दो वि परोप्परं भइयव्वाओ। जहा कसायाया य जोगाया य तहा कसायाया य वीरियाया य भाणियव्वाओ। एवं जहा कसायाताए वत्तव्वया भणिया तहा जोगायाए वि उवरिमाहिं समं भाणियव्वा। जहा दवियायाए वत्तव्वया भणिया तहा उवयोगायाए वि उवरिल्लाहिं समं भणियव्वा। जस्स नाणाया तस्स दंसणाया नियमं अत्थि, जस्स पुण दंसणाया तस्स णाणाया भयणाए। जस्स नाणाया तस्स चरित्ताया सिय अत्थि सिय नत्थि, जस्स पुण चरित्ताया तस्स नाणाया नियमं अत्थि। णाणाया य वीरियाया य दो वि परोप्परं भयणाए। जस्स दंसणाया तस्स उवरिमाओ दो वि भयणाए, जस्स पुण ताओ तस्स दंसणाया नियम अत्थि । जस्स चरित्ताया तस्स वीरियाया नियम अत्थि, जस्स पुण वीरियाया तस्स चरिताया सिय अत्थि सिय नत्थि। एयासि णं भंते! दवियायाणं कसायायाणं जाव वीरियायाण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवाओ चरितायाओ, नाणायाओ अणंतगुणाओ, कसायायाओ अणंतगुणाओ, जोगायाओ विसेसाहियाओ, वीरियायाओ विसेसाहियाओ, उवयोग-दविय-दसणायाओ तिण्णि वि तुल्लाओ विसेसाहियाओ। [५६१] आया भंते! नाणे, अन्ने नाणे? गोयमा! आया सिय नाणे, सिय अन्नाणे, णाणे पुण नियमं आया। __ आया भंते! नेरइयाणं नाणे, अन्ने नेरइयाणं नाणे? गोयमा! आया नेरइयाणं सिय नाणे सिय अन्नाणे, नाणे पुण से नियमं आया। एवं जाव थणियकुमाराणं। आया भंते! पुढविकाइयाणं अन्नाणे, अन्ने पुढविकाइयाणं अन्नाणे? गोयमा! आया पुढविकाइयाणं नियमं अन्नाणे, अण्णाणे वि नियमं आया। एवं जाव वणस्सतिकाइयाणं। बेइंदिय-तेइंदिया जाव वेमाणियाणं जहा नेरइयाणं। आया भंते! दंसणे, अन्ने दंसणे? गोयमा! आया नियमं दंसणे, दंसणे वि नियमं आया। आया भंते! नेरइयाणं दंसणे, अन्ने नेरइयाणं दंसणे? गोयमा! आया नेरइयाणं नियमं दंसणे, दंसणे वि से नियमं आया। एवं जाव वेमाणियाणं निरंतरं दंडओ। [५६२] आया भंते! रयणप्पभा पुढवी, अन्ना रयणप्पभा पुढवी? गोयमा! रयणप्पभा पुढवी सिय आया, सिय नोआया, सिय अवत्तव्वं--आया ति य, नोआता ति य। से केणठेणं भंते! एवं वुच्चति रयणप्पभा पुढवी सिय आता, सिय नोआया, सिय अवत्तव्वं [दीपरत्नसागर संशोधितः] [274] [५-भगवई
SR No.003709
Book TitleAgam 05 Bhagavai Panchamam Angsuttam Mulam PDF File
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages565
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size5 MB
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