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सतं-१०, वग्गो - ,सत्तंसत्तं- , उद्देसो-१
पुरत्थिमदाहिणा, दाहिणा, दाहिणपच्चत्थिमा, पच्चत्थिमा, पच्चत्थिमुत्तरा, उत्तरा, उत्तरपुरत्थिमा, उड्ढा, अहा।
एयासि णं भंते! दसण्हं दिसाणं कति णामधेज्जा पण्णता? गोयमा! दस नामधेज्जा पण्णता,तं जहा
इंदऽग्गेयी जम्मा य नेरती वारुणी य वायव्वा ।
सोमा ईसाणी या विमला य तमा य बोधव्वा ।। इंदा णं भंते! दिसा किं जीवा, जीवदेसा, जीवपदेसा, अजीवा, अजीवदेसा, अजीवपएसा? गोयमा! जीवा वि, तं चेव जाव अजीवपएसा वि। जे जीवा ते नियमं एगिंदिया, बेइंदिया जाव पंचिंदिया, अणिंदिया। जे जीवदेसा ते नियमं एगिंदियदेसा जाव अणिंदियदेसा। जे जीवपएसा ते नियमं एगिंदियपएसा जाव अणिंदियपएसा। जे अजीवा, ते दुविहा पण्णता, तं जहा-रूविअजीवा य, अरूविअजीवा य। जे रूविअजीवा ते चठव्विहा पण्णत्ता, तं जहा-खंधा, खंधदेसा, खंधपएसा, परमाणुपोग्गला। जे अरूविअजीवा ते सत्तविहा पण्णता, तं जहा-नो धम्मत्थिकाये, धम्मत्थिकायस्स देसे, धम्मत्थिकायस्स पदेसा; नो अधम्मत्थिकाये, अधम्मत्थिकायस्स देसे, अधम्मत्थिकायस्स पदेसा; नो आगासत्थिकाये, आगासत्थिकायस्स देसे, आगासत्थिकायस्स पदेसा, अद्धासमये।
अग्गेयी णं भंते! दिसा किं जीवा, जीवदेसा, जीवपदेसा० पुच्छा। गोयमा! णो जीवा, जीवदेसा वि, जीवपदेसा वि, अजीवा वि, अजीवदेसा वि, अजीवपदेसा वि। जे जीवदेसा ते नियम एगिंदियदेसा। अहवा एगिंदियदेसा य बेइंदियस्स देसे, अहवा एगिंदियदेसा य बेइंदियस्स देसा, अहवा एगिंदियदेसा य बेइंदियाण य देसा। अहवा एगिंदियदेसा य तेइंदियस्स देसे, एवं चेव तियभंगो भाणियव्वो। एवं जाव अणिंदियाणं तियभंगो। जे जीवपदेसा ते नियमा एगिदियपदेसा। अहवा एगिंदियपदेसा य बेइंदियस्स पदेसा, अहवा एगिदियपदेसा य बेइंदियाण य पएसा। एवं आदिल्लविरहिओ जाव अणिंदियाणं। जे अजीवा ते दुविहा पण्णता, तं जहा-रूविअजीवा य अरूविअजीवा य। जे रूविअजीवा ते चठव्विहा पण्णता, तं जहा-खंधा जाव परमाणुपोग्गला। जे अरूविअजीवा ते सत्तविधा पण्णता, तं जहा--नो धम्मत्थिकाये, धम्मत्थिकायस्स देसे, धम्मत्थिकायस्स पदेसा; एवं अधम्मत्थिकायस्स वि; एवं आगासत्थिकायस्स वि जाव आगासत्थिकायस्स पदेसा; अद्धासमये।
जम्मा णं भंते! दिसा किं जीवा0? जहा इंदा तहेव निरवसेसं। नेरई जहा अग्गेयी। वारुणी जहा इंदा। वायव्वा जहा अग्गेयी। सोमा जहा इंदा। ईसाणी जहा अग्गेयी। विमलाए जीवा जहा अग्गेईए, अजीवा जहा इंदाए। एवं तमाए वि, नवरं अरूवी छव्विहा। अद्धासमयो न भण्णति। [४७६] कति णं भंते! सरीरा पण्णता?
गोयमा! पंच सरीरा पण्णत्ता,तं जहा-ओरालिए जाव कम्मए। [दीपरत्नसागर संशोधितः]]
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[५-भगवई